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शहर से लेकर गांव तक पानी को लेकर परेशान हैं लोग

गांव से कोसों दूर के जल स्त्रोत से पेयजल भर कर ले जाते ग्रामीण

गांव से कोसों दूर के जल स्त्रोत से पेयजल भर कर ले जाते ग्रामीण

सरकार पेयजल व्यवस्थाओं के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने का काम जरुर कर रही है लेकिन धरातल पर आज भी लोग इस भीषण गर्मी म ...अधिक पढ़ें

    सरकार पेयजल व्यवस्थाओं के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने का काम जरुर कर रही है लेकिन धरातल पर आज भी लोग इस भीषण गर्मी में पेयजल के लिए भटकने को मजबूर हैं . इसकी बानगी श्योपुर जिले में किसी एक जगह या स्थान पर नहीं बल्कि शहर से लेकर गांव-गांव तक हर जगह देखी जा सकती है.विजयपुर और कराहल इलाके के अधिकांश गांवों में हालात बेहद खराब है.

    कई बस्तियों के लोग इस समस्या की वजह से पलायन तक कर गए हैं लेकिन सरकार के अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस समस्या को दूर करने की बजाए बारिश होने पर समस्या अपने आप दूर होने का इंतजार कर रहे हैं.पेयजल संकट पर जिला कांग्रेस कमटी ने सरकार के जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए प्रशासनिक अधिकारियों पर समस्याओं का समाधान करने की बजाये मनमानी करने और जनप्रतिनिधियों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

    श्योपुर जिले के शहर से लेकर गांव-गांव तक पेयजल संकट की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. शहर हो या गांव सभी जगह यही आम समस्या बन गई है. शहर में जहां लोगों को आसपास के वार्डों में जाकर घंटों की मशक्कत के बाद पीने का पानी लाना पड़ रहा है. ग्रामीण इलाकों में हालात और भी गंभीर है, जिन्हें इन इलाकों में साफ तौर पर देखा जा सकता है.

    यहां महिला,बच्चों और पुरुषों को अपनी और अपने परिवार की प्यास बुझाने की खातिर कई किलोमीटर पैदल चलकर कहीं जंगल तो कहीं पहाड़ की तराई तक पहुंचकर नदी, नाले, झरना या गहरे कुंओं से पानी खींचकर लाना पड़ता है.इसमें ग्रामीणों का पूरा दिन पानी ढोकर लाने में ही बीत जाता है, जिस वजह से ग्रामीण बेहद परेशान हैं.

    Tags: Sheopur news

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