रिपोर्ट : सुनील रजक
शिवपुरी. जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र में समूह संचालकों और अधिकारियों की मिलीभगत से मध्य प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक मध्याह्न भोजन योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. स्थिति यह है कि स्कूलों में मध्याह्न भोजन के नाम पर बच्चों को दाल के नाम पर पानी और जली हुई रोटी परोसी जा रही है. स्कूली बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन में निर्धारित आहार के तौर पर खीर, पूड़ी, पराठे और अच्छी सब्जी केवल दीवारों मेनू की शोभा बढ़ाने के लिए लिखे गए शब्द बनकर रह गए हैं.
क्षेत्र के कई माध्यमिक विद्यालयों में लगातार पोषण आहार के नाम पर छात्र छात्राओं को समूह संचालकों द्वारा पानी और बिना आलू की आलू की सब्जी परोसी जा रही है. दाल में दाल नहीं मिलती और मेनू के हिसाब से जो प्रतिदिन खाना देना चाहिए उसमें से एक या किसी दिन दो खाने की सामग्री ही बच्चों को उपलब्ध होती है. इसमें भी पोषण की कमी रहती है. शिक्षा के मंदिर में बच्चों के शोषण की बानगी तो यह भी है कि बच्चों से स्कूल परिसर में खाने के बाद बर्तन भी धुलवाए जा रहे हैं.
पोहरी विधानसभा के बागोदा, खरई जालिम, माता का वीलवरा, झलबासा, रामखेड़ी, मारोरा खालसा, नरैया खेड़ी, रामखेड़ी, सेगाडा, भदरोनी, खरवाया, चांदपुर, पूरा, आनंदपुर, बरईपुरा, गढा, गलथुनी, हिनोतिया, वागलोन, भेंसरावन, छर्च, आमई, महलोनी, टपरा, गढ़ला आदि गांवों के स्कूलों में दोपहर भोजन वितरण में समूह संचालकों द्वारा जमकर गड़बड़ी की जा रही है. NEWS 18 ने जब इस स्थिति से पोहरी एसडीएम राजन वी नाडिया को अवगत कराया, तो उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही.
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