Singrauli News: सिंगरौली के देवसर की देवगवां ग्राम पंचायत में महिला प्रत्याशी के पति ने वोट के बदले नोट बांटे.
सिंगरौली. मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में पंचायत चुनाव के बीच गुरुवार सुबह हंगामा मच गया. यहां सरपंच पद का निर्दलीय चुनाव लड़ रही महिला प्रत्याशी के पति कलेक्टर जायसवाल मतदाताओं को पैसे बांट रहे थे. उनका पैसे बांटते वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है. आरोप है कि जायसवाल एक वोट के बदले 500 रुपये दे रहे थे. ये पूरा मामला देवसर की देवगवां ग्राम पंचायत का है. पुलिस ने इस मामले में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कर लिया है. यहां पंचायत चुनाव के लिए मतदान 1 जुलाई को होना है. इस घटना के बाद अब महिला प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
जानकारी के मुताबिक, कलेक्टर जायसवाल का रुपये वीडियो वायरल होने के बाद यहां बवाल मच गया था. इसे देखते हुए एसडीएम आकाश सिंह ने वीडियो की जांच के आदेश दिए. उन्होंने तहसीलदार दिलीप सिंह को इस मामले की जांच करने के लिए कहा. सिंह ने जांच में पाया कि महिला प्रत्याशी के पति पर जो आरोप लगे हैं वह सही हैं. उन्होंने उन लोगों से भी बात की, जिन्होंने कलेक्टर जायसवाल से पैसे लिए. उन्होंने तहसीलदार के सामने स्वीकार किया कि उन्हें महिला प्रत्याशी के पति ने वोट के बदले रुपये दिए. इसके बाद पुलिस से मामले की शिकायत की गई. पुलिस ने आरोपी कलेक्टर जायसवाल के खिलाफ धारी 171-जी, धारा 171-ई और धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया.
बीजेपी में घमासान
गौरतलब है कि सिंगरौली में पंचायत चुनाव के साथ-साथ नगरीय निकाय चुनाव भी दिलचस्प मोड़ पर है. यहां नगरी निकाय चुनाव में टिकटों के ऐलान के बाद बीजेपी के अंदर घमासान शुरू हो गया है. टिकट के प्रबल दावेदार रहे बीजेपी के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल की नाराजगी साफ-साफ उस वक्त दिखाई दी, जब पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी अपना पर्चा दाखिल कर रहे थे. यहां विधायक तो मौजूद थे, लेकिन जिला अध्यक्ष नदारद रहे.
एक वोट की कीमत क्या सिर्फ 500 रुपये है ? pic.twitter.com/3nVip6ytwm
— Raj Dwivedi (@EtvSingrauli) June 30, 2022
विश्वकर्मा बने बीजेपी के महापौर प्रत्याशी
बता दें, यहां पूर्व में नगर निगम के अध्यक्ष चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को पार्टी ने अपना महापौर प्रत्याशी घोषित किया है. विश्वकर्मा ने स्थानीय विधायक राम लल्लू वैश्य सहित कार्यकर्ताओं के साथ पर्चा दाखिल किया. लेकिन, यहां स्थिति उस वक्त असहज हो गई, जब बीजेपी के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल नहीं आए. इसका सवाल सबके मन में था, लेकिन जबाब किसी के पास नहीं था. असल में सिंगरौली नगर निगम के मेयर पद के लिए जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल भी दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया.
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