में भी शुरू हो गया है. सोमवार को छतरपुर और टीकमगढ़ जिले में एक-एक किसान ने खुदकुशी कर ली.
बुंदेलखंड इलाके में पिछले एक सप्ताह में 6 किसानों ने आत्महत्या कर ली. मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के बाद अभी तक कुल 25 किसान अपनी जान दे चुके हैं.
राज्य के बुंदेलखंड के तहत आने वाले टीकमगढ़ जिले में बारे लाल अहिरवार ने सोमवार सुबह अपने खेत में फांसी लगाकर जान दे दी. परिजनों ने बताया कि अहिरवार पर करीब चालीस हजार का कर्ज था.
किसान के खुदकुशी करने की खबर मिलने पर खरगापुर थाना पुलिस फुटेर गांव पहुंची. पुलिस ने किसान के शव को पोस्टमार्टम के लिए कब्जे में ले लिया. जांच अधिकारी ने बताया कि मामले की विस्तृत पड़ताल की जा रही है.
टीकमगढ़ से सटे छतरपुर जिले में भी एक किसान ने खुदकुशी कर ली. जिले के राजनगर में 36 साल के भैयालाल कुशवाहा ने फांसी लगाकर जान दे दी. भैयालाल कुशवाहा पहले बटाई पर खेती करते थे, लेकिन नुकसान के बाद वो मजदूरी करने लगे. परिजनों ने आर्थिक तंगी को खुदकुशी की वजह बताया है.
बुंदेलखंड के तहत आने वाले छतरपुर, टीकमगढ़, सागर और पन्ना जिले में एक सप्ताह में 6 किसान खुदकुशी कर चुके हैं.
-सागर जिले के खिमलासा थाने के बसहरी निवासी गुलई कुर्मी (50) ने सूदखोर से परेशान होकर महुए के पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली. वह सुसाइड नोट भी छोड़ गया है, जिसमें सूदखोर से कर्ज और उसके द्वारा परेशान किए जाने का जिक्र है.
-छतरपुर जिले के सिविल लाईन थाना क्षेत्र में महेश तिवारी (75) ने बुधवार की शाम को फांसी लगाकर जान दे दी. परिजनों का कहना है कि कर्ज से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया.
-छतरपुर जिले के बीजापुर पुलिस थानांतर्गत पाली गांव के किसान रघुवीर यादव (27) ने जहर खाकर खुदकुशी की. पुलिस ने पारिवारिक विवाद तो परिजनों ने कर्ज को वजह बताया था.
-पन्ना जिले के पवई थाना क्षेत्र के सिमरा खुर्द गांव में किसान संतोष प्रजापति ने अपने ही खेत में जहर खा कर आत्महत्या कर ली. पुलिस का दावा है कि बीमारी से परेशान होकर संतोष ने खुदकुशी की, जबकि स्थानीय कांग्रेस विधायक ने कर्ज को इसकी वजह बताया है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2017, 15:44 IST