बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मॉनसून अलर्ट, पेशेवर शिकारियों से ऐसे होगा बचाव

प्रतीकात्मक तस्वीर
पार्क में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए 95 पेट्रोलिंग कैंपों में 200 वन सुरक्षाकर्मियों को 24 घंटों के लिए तैनात किया गया है. हर रेंज में 70 कर्मचारियों का गश्ती दल भी निगरानी रखेगा.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: August 11, 2018, 10:10 AM IST
मध्य प्रदेश के उमरिया में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मॉनसून अलर्ट जारी किया गया है. बारिश के दिनों में शिकारियों की बढ़ती सक्रियता के चलते यह अलर्ट जारी किया गया है. अलर्ट के दौरान पार्क की चौकसी बढ़ाई गई है. पार्क में 95 पेट्रोलिंग कैंप्स में हर समय 200 कर्मचारियों की तैनाती के साथ गश्ती दल के जरिए शिकारियों पर पैनी नजर रखी जाएगी.
बरसात के दिनों में पेशेवर शिकारियों की सक्रियता को देखते हुए दुनिया भर में बाघों के लिए मशहूर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मॉनसून अलर्ट जारी किया गया. पार्क प्रबंधन का मानना है कि तीस जून को पार्क बंद होने जाने के बाद मौसम और पानी का फायदा उठाकर पेशेवर शिकारी पार्क में घुसने की कोशिश करते हैं. इसको लेकर पार्क के संवेदनशील इलाकों की चौकसी बढ़ाई जाती है.
पार्क प्रबंधन ने बताया कि इसके आसपास इन दिनों पेशेवर शिकारी बहेलिए और पारधी वन्य जीवों के शिकार के लिए डेरा डालते हैं और शिकार का प्रयास करते हैं. लिहाजा वन्य जीवों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाती है.
इस बार पार्क में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए 95 पेट्रोलिंग कैंपों में 200 वन सुरक्षा कर्मियों को 24 घंटों के लिए तैनात किया गया है. इसके अलावा पार्क के हर रेंज में 70 कर्मचारियों का गश्ती दल भी निगरानी रखेगा. पार्क के सभी 6 एसडीओ और 9 रेंजरों को भी वाहन से पेट्रोलिंग करने और 150 बीट गार्ड को अपने क्षेत्रों में नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं.
बरसात के दिनों में पेशेवर शिकारियों की सक्रियता को देखते हुए दुनिया भर में बाघों के लिए मशहूर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मॉनसून अलर्ट जारी किया गया. पार्क प्रबंधन का मानना है कि तीस जून को पार्क बंद होने जाने के बाद मौसम और पानी का फायदा उठाकर पेशेवर शिकारी पार्क में घुसने की कोशिश करते हैं. इसको लेकर पार्क के संवेदनशील इलाकों की चौकसी बढ़ाई जाती है.
पार्क प्रबंधन ने बताया कि इसके आसपास इन दिनों पेशेवर शिकारी बहेलिए और पारधी वन्य जीवों के शिकार के लिए डेरा डालते हैं और शिकार का प्रयास करते हैं. लिहाजा वन्य जीवों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाती है.
इस बार पार्क में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए 95 पेट्रोलिंग कैंपों में 200 वन सुरक्षा कर्मियों को 24 घंटों के लिए तैनात किया गया है. इसके अलावा पार्क के हर रेंज में 70 कर्मचारियों का गश्ती दल भी निगरानी रखेगा. पार्क के सभी 6 एसडीओ और 9 रेंजरों को भी वाहन से पेट्रोलिंग करने और 150 बीट गार्ड को अपने क्षेत्रों में नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं.