BMC अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, क्या वैक्सीनेशन के लिए आम मुंबईकर को करना पड़ेगा इंतजार?

बीएमसी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी का क्या कोरोना वैक्सीनेशन पर पड़ेगा असर. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Corona Vaccination: देश में कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित आर्थिक राजधानी मुंबई हुई थी. मुंबई न सिर्फ कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा पीड़ित थी बल्कि कोरोना से मरने वालों की संख्या भी यहां पर सबसे ज्यादा थी. ऐसे में बीएमसी अस्पतालों में डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ के कमी की वजह से फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना टीका लगवाना बीएमसी के लिए एक बड़ा चैलेंज हो सकता है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 9, 2021, 8:44 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccine) की तारीख 16 जनवरी तय होने के बाद एक तरफ जहां पूरे देश में खुशी की लहर है वहीं, दूसरी तरफ कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर आम मुंबईकरों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है. मुंबई बीएमसी (Mumbai BMC) से एक चौंकने वाली जानकारी सामने आयी है. देश की सब से धनी महानगर पालिका मुंबई बीएमसी में डॉक्टरों की 20% से भी ज्यादा कमी पाई गयी है. इतना ही नहीं, इसी कमी को पूरा करने के लिए अब बीएमसी प्रशासन ने अजीब तरकीब निकालते हुए रिटायरमेंट की उम्र में पहुंचे डॉक्टरों के काम की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. जानकारी में यह भी सामने आया है कि सिर्फ डॉक्टर्स ही नहीं बल्कि अन्य मेडिकल कर्मचारी की संख्या में भी कमी है.
बीएमसी स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष प्रवीणा मोरजकर ने कहा कि बीएमसी में मेडिकल स्टाफ की कमी है इसपर बीएमसी अभी काम कर रही है. जल्द से जल्द बीएमसी के सभी अस्पतालों में मेडिकल कर्मचारियों की जरूरत के अनुसार भर्ती की जाएगी. बीएमसी अस्पताल में मेडिकल स्टाफ के कमी की जानकारी सीएम उद्धव ठाकरे को हमने दी है. उन्होंने हमें सूचना दी है कि जल्द से जल्द इस कमी को पूरा किया जाएं.
फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना टीका लगाना BMC के लिए बड़ा चैलेंज
देश में कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित आर्थिक राजधानी मुंबई हुई थी. मुंबई न सिर्फ कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा पीड़ित थी बल्कि कोरोना से मरने वालों की संख्या भी यहां पर सबसे ज्यादा थी. ऐसे में बीएमसी अस्पतालों में डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ के कमी की वजह से फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना टीका लगवाना बीएमसी के लिए एक बड़ा चैलेंज हो सकता है. यह भी देखना होगा है कि मेडिकल स्टाफ के कमी की वजह से आम मुंबईकरों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचने में देरी हो सकती है.बीजेपी नगर सेवक और गट नेता प्रवीण मिश्रा ने कहा कि बीएमसी प्रशासन और शिवसेना को क्या अब होश आया है कि बीएमसी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है. मेडिकल स्टाफ की कमी है. अब कोरोना वैक्सीनेशन भी जल्द शुरू हो जायेगा ऐसे में मेडिकल स्टाफ के कमी की वजह से वैक्सीनेशन आम मुंबईकर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के पास पहुंचने में देरी लग सकती है. लिहाजा कोरोना की वैक्सीन आने के बावजूद मुंबई में कोरोना का खात्मा करना मुश्किल होगा. लोगों की जान भी जा सकती है और इसके लिए सत्ता में बैठी शिवसेना जिम्मेदार होगी.
बता दें कि देश में 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन की शुरूआत होगी. ऐसे में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की कमी का सीधा खामियाजा आम मुंबईकरों को झेलना पड़ सकता है. वहीं, कोरोना के नए स्ट्रेन के मरीज भी मुंबई और महाराष्ट्र में पाए जा चुके हैं. इसलिए मेडिकल स्टाफ की जरुरत के अनुसार होना बहुत जरुरी होगा.
बीएमसी स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष प्रवीणा मोरजकर ने कहा कि बीएमसी में मेडिकल स्टाफ की कमी है इसपर बीएमसी अभी काम कर रही है. जल्द से जल्द बीएमसी के सभी अस्पतालों में मेडिकल कर्मचारियों की जरूरत के अनुसार भर्ती की जाएगी. बीएमसी अस्पताल में मेडिकल स्टाफ के कमी की जानकारी सीएम उद्धव ठाकरे को हमने दी है. उन्होंने हमें सूचना दी है कि जल्द से जल्द इस कमी को पूरा किया जाएं.
फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना टीका लगाना BMC के लिए बड़ा चैलेंज
देश में कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित आर्थिक राजधानी मुंबई हुई थी. मुंबई न सिर्फ कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा पीड़ित थी बल्कि कोरोना से मरने वालों की संख्या भी यहां पर सबसे ज्यादा थी. ऐसे में बीएमसी अस्पतालों में डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ के कमी की वजह से फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना टीका लगवाना बीएमसी के लिए एक बड़ा चैलेंज हो सकता है. यह भी देखना होगा है कि मेडिकल स्टाफ के कमी की वजह से आम मुंबईकरों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचने में देरी हो सकती है.बीजेपी नगर सेवक और गट नेता प्रवीण मिश्रा ने कहा कि बीएमसी प्रशासन और शिवसेना को क्या अब होश आया है कि बीएमसी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है. मेडिकल स्टाफ की कमी है. अब कोरोना वैक्सीनेशन भी जल्द शुरू हो जायेगा ऐसे में मेडिकल स्टाफ के कमी की वजह से वैक्सीनेशन आम मुंबईकर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के पास पहुंचने में देरी लग सकती है. लिहाजा कोरोना की वैक्सीन आने के बावजूद मुंबई में कोरोना का खात्मा करना मुश्किल होगा. लोगों की जान भी जा सकती है और इसके लिए सत्ता में बैठी शिवसेना जिम्मेदार होगी.
बता दें कि देश में 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन की शुरूआत होगी. ऐसे में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की कमी का सीधा खामियाजा आम मुंबईकरों को झेलना पड़ सकता है. वहीं, कोरोना के नए स्ट्रेन के मरीज भी मुंबई और महाराष्ट्र में पाए जा चुके हैं. इसलिए मेडिकल स्टाफ की जरुरत के अनुसार होना बहुत जरुरी होगा.