मुंबई: NIA कोर्ट ने सुधा भारद्वाज को जेल के बाहर से किताबें मंगवाने की अनुमति दी

न्यायाधीश ने जेल अधीक्षक को भारद्वाज को हर महीने जेल के बाहर से पांच किताबें मंगवाने देने का निर्देश दिया.
सुधा भारद्वाज (Sudha Bhardwaj) और सह आरोपी गौतम नवलखा (Gautam Navalakha) एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू (Honey Babu) ने अपनी वकील चांदनी चावला के माध्यम से अलग-अलग अर्जियां लगाकर जेल के बाहर से किताबें एवं अखबार मंगाने की अनुमति मांगी थी.
- News18Hindi
- Last Updated: January 15, 2021, 10:46 PM IST
मुम्बई. एक विशेष एनआईए अदालत (NIA Court) ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज (Sudha Bhardwaj) को भायखला जेल के बाहर से किताबें प्राप्त करने की अनुमति दे दी है. वह इसी जेल में बंद हैं. बुधवार को उपलब्ध कराये गये आदेश से यह जानकारी सामने आयी. विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश डी ई कोठालिकर ने मंगलवार को इस संबंध में भारद्वाज की याचिका मंजूर की थी. न्यायाधीश ने जेल अधीक्षक को भारद्वाज को हर महीने जेल के बाहर से पांच किताबें मंगवाने देने का निर्देश दिया. यह जेल मध्य मुम्बई में है.
पिछले महीने भारद्वाज और सह आरोपी गौतम नवलखा एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू (Hany Babu) ने अपनी वकील चांदनी चावला के माध्यम से अलग-अलग अर्जियां लगाकर जेल के बाहर से किताबें एवं अखबार मंगाने की अनुमति मांगी थी. नवलखा और बाबू नवी मुम्बई की तलोजा जेल में हैं. बाबू और नवलखा की अर्जियों पर अगली तारीख पर सुनवाई होगी.
अदालत ने कहा, ‘‘अधीक्षक ध्यानपूर्वक पुस्तकें देखेंगे और यदि उनमें हिंसा की सीख देने वाली कोई आपत्तिजनक सामग्री, अश्लील सामग्री या रिवोल्युशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट या भाकपा (माओवादी) का प्रचार करने वाली कोई सामग्री पायी जाती है तो वह आवेदक को ऐसी किताब नहीं लेने देंगे.’’
इसी बीच, इस मामले में अन्य आरोपी , सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेल्टुम्बडे ने मंगलवार को दायर की गयी अपनी नयी याचिका में कहा है कि अभियोजन का यह सिद्धांत कि वह दूसरों को सरकार के खिलाफ युद्ध के लिए भड़का रहे थे, ‘‘पाखंड’’ है.
पिछले महीने भारद्वाज और सह आरोपी गौतम नवलखा एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू (Hany Babu) ने अपनी वकील चांदनी चावला के माध्यम से अलग-अलग अर्जियां लगाकर जेल के बाहर से किताबें एवं अखबार मंगाने की अनुमति मांगी थी. नवलखा और बाबू नवी मुम्बई की तलोजा जेल में हैं. बाबू और नवलखा की अर्जियों पर अगली तारीख पर सुनवाई होगी.
अदालत ने कहा, ‘‘अधीक्षक ध्यानपूर्वक पुस्तकें देखेंगे और यदि उनमें हिंसा की सीख देने वाली कोई आपत्तिजनक सामग्री, अश्लील सामग्री या रिवोल्युशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट या भाकपा (माओवादी) का प्रचार करने वाली कोई सामग्री पायी जाती है तो वह आवेदक को ऐसी किताब नहीं लेने देंगे.’’
इसी बीच, इस मामले में अन्य आरोपी , सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेल्टुम्बडे ने मंगलवार को दायर की गयी अपनी नयी याचिका में कहा है कि अभियोजन का यह सिद्धांत कि वह दूसरों को सरकार के खिलाफ युद्ध के लिए भड़का रहे थे, ‘‘पाखंड’’ है.