मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र में भाजपा विधायकों ने किया प्रदर्शन

उच्चतम न्यायालय ने मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने वाले कानून पर रोक लगा दी थी.
उच्चतम न्यायालय ने इस साल सितंबर में महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिक्षा और नौकरी में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण (Maratha Reservation) देने वाले कानून को लागू करने पर रोक लगा दी थी.
- भाषा
- Last Updated: December 14, 2020, 2:48 PM IST
मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में भाजपा के विधायकों ने मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) और किसानों के मुद्दों के प्रति उदासीन रवैये के विरोध में सोमवार को विधान भवन की सीढ़ियों पर धरना दिया. यह प्रदर्शन राज्य विधानसभा के दो दिन के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले किया गया.
उच्चतम न्यायालय ने इस साल सितंबर में महाराष्ट्र में शिक्षा और नौकरी में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने वाले कानून को लागू करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि जिन्हें इसका लाभ मिला है उन्हें इस आदेश से कोई परेशानी नहीं होगी. भाजपा नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने विधान भवन के बाहर पत्रकारों से कहा कि मराठा आरक्षण मामले पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मौजूद नहीं था.

उन्होंने पूछा, सरकार अदालत को समझाने में अक्षम क्यों रही? विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, सरकार चर्चा से बच रही है. उन्होंने कहा कि दो दिन के सत्र में 10 विधेयक सूचीबद्ध हैं, इसका मतलब है कि सरकार चर्चा नहीं चाहती. उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने इन मुद्दों को हताशा में उठाने के लिए भाजपा पर निशाना साधा.इसे भी पढ़ें :- महाराष्ट्र: CM उद्धव ठाकरे ने किया 'सिंहासन' पर बैठने से इनकार, ट्विटर पर खूब हो रही तारीफ
पवार ने पत्रकारों से कहा, सरकार मराठा आरक्षण से स्थगन हटाने की पूरी कोशिश कर रही है. हाल ही में संपन्न विधान परिषद चुनाव में हार के कारण विपक्ष हताश है. राज्य के लोक निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चव्हाण ने भी राजनीतिक नौटंकी करने पर विपक्ष पर निशाना साधा. कोविड-19 के मद्देनजर शीतकालीन सत्र को राज्य में दो दिन का कर दिया गया है.
उच्चतम न्यायालय ने इस साल सितंबर में महाराष्ट्र में शिक्षा और नौकरी में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने वाले कानून को लागू करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि जिन्हें इसका लाभ मिला है उन्हें इस आदेश से कोई परेशानी नहीं होगी. भाजपा नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने विधान भवन के बाहर पत्रकारों से कहा कि मराठा आरक्षण मामले पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मौजूद नहीं था.
उन्होंने पूछा, सरकार अदालत को समझाने में अक्षम क्यों रही? विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, सरकार चर्चा से बच रही है. उन्होंने कहा कि दो दिन के सत्र में 10 विधेयक सूचीबद्ध हैं, इसका मतलब है कि सरकार चर्चा नहीं चाहती. उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने इन मुद्दों को हताशा में उठाने के लिए भाजपा पर निशाना साधा.इसे भी पढ़ें :- महाराष्ट्र: CM उद्धव ठाकरे ने किया 'सिंहासन' पर बैठने से इनकार, ट्विटर पर खूब हो रही तारीफ
पवार ने पत्रकारों से कहा, सरकार मराठा आरक्षण से स्थगन हटाने की पूरी कोशिश कर रही है. हाल ही में संपन्न विधान परिषद चुनाव में हार के कारण विपक्ष हताश है. राज्य के लोक निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चव्हाण ने भी राजनीतिक नौटंकी करने पर विपक्ष पर निशाना साधा. कोविड-19 के मद्देनजर शीतकालीन सत्र को राज्य में दो दिन का कर दिया गया है.