'पवार तुस्सी ग्रेट हो'- महाराष्ट्र में BJP की सरकार पर ये बोले कांग्रेस नेता

अभिषेक मनु सिंघवी ने साधा शरद पवार पर निशाना.
कांग्रेस (Congress) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के घटनाक्रम के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) पर निशाना साधा है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 23, 2019, 11:58 AM IST
इस मामले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 'शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को अपनी ताकत जमीन पर दिखाकर सड़कों पर उतरना चाहिए. देखते हैं मुंबई और महाराष्ट्र की जनता किसके साथ है? तीनों पार्टियों के लिए यह अस्तित्व का सवाल है. विशेषकर उद्धव और ठाकरे परिवार के लिए यह प्रतिष्ठा का प्रश्न है.'
शिव सेना NCP और कॉंग्रेस को अपनी ताक़त ज़मीन पर दिखा कर सड़कों पर उतरना चाहिये। देखते हैं मुंबई और महाराष्ट्र की जनता किस के साथ है? तीनों पार्टियों के लिये यह अस्तित्व का सवाल है। विशेष कर उद्धव और ठाकरे परिवार के लिये यह प्रतिष्ठा का प्रश्न है।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 23, 2019
बता दें कि एनसीपी के नेता अजित पवार ने बीजेपी का साथ दिया है. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने शनिवार सुबह महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर से शपथ ले ली है.
Surreal wht I read abt #Maharashtra. Thought it was fake news. Candidly &personally speaking, our tripartite negotiations shd not have gone on for more than 3 days...took too long. Window given was grabbed by fast movers. #pawarji tussi grt ho! Amazing if true, still not sure
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) November 23, 2019
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने उन्हें शपथ दिलवाई. साथ ही अजित पवार (Ajit Pawar) ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि एनसीपी का समर्थन बीजेपी को है या नहीं. वहीं सूत्र बता रहे हैं कि एनसीपी के सिर्फ 25 से 30 विधायकों को लेकर अजित पवार सरकार बनाने आए हैं. वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि अजित पवार का बीजेपी को साथ देने का फैसला पार्टी का निर्णय नहीं है, बल्कि यह उनका खुद का निर्णय है. हम इस फैसले को सपोर्ट नहीं करते. मेरा इस मामले में कोई लेना देना नहीं है.
शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमें सरकार बनाने का जनादेश मिला था लेकिन शिवसेना ने दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन का प्रयास किया. जिसका परिणाम यह निकला कि सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. महाराष्ट्र की जनता को स्थिर सरकार चाहिए न कि कोई खिचड़ी. शिवसेना से जनादेश का सीधे तौर पर अपमान किया है. इस दौरान उन्होंने अजित पवार का अभार जताया, कहा- मैं अभारी हूं कि वे मेरे साथ आए. अब हम महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देंगे.
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