ये ड्रोन पूरी तरह से सुरक्षित है और उड़ान भरते हुए डरने की जरूरत नहीं है. इस ड्रोन के कुछ ही दिनों में भारतीय सेना में शामिल होने की उम्मीद है.
पुणे. मानव रहित ड्रोन (unmanned drone) तो बहुत हैं, लेकिन अब इंसान को ले जाने वाला ड्रोन भी आ गया है. जी हां, अब ड्रोन की मदद से आप एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं. 190 किलो और 16 विंग्स वाले इस ड्रोन का नाम वरुण रखा गया है. ड्रोन को पुणे के चाकन (Chakan, Pune) में सागर डिफेंस इंजीनियरिंग कंपनी (Sagar Defense Engineering Company) ने बनाया है. इसे बनाने में चार साल से अधिक का समय लगा है. काफी मेहनत के बाद ये ड्रोन बनकर तैयार हुआ है. इस ड्रोन को भारतीय सेना के लिए तैयार किया गया है. देश के पहले मानव ड्रोन (Human Drone) का परीक्षण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने हाल ही में देखा था.
भारतीय सेना के लिए तैयार इस ड्रोन की क्षमता 190 किलो वजन के साथ उड़ान भरने की है. कंपनी के सह संस्थापक रितुल बब्बर ने इस ड्रोन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ड्रोन का इस्तेमाल “दूर-दराज़” के इलाकों में एयर एंबुलेंस या फिर सामान ट्रांसपोर्ट के लिए किया जा सकता है.
ये ड्रोन 190 किलो वजन उठाने की क्षमता रखता है और 30 से 35 किमी तक का सफर तय कर सकता है. इतना ही नहीं इस ड्रोन में हवा में तकनीकी खराबी के बाद सुरक्षित लैंडिंग करने भी सक्षम है. ड्रोन पर एक पैराशूट लगाया गया है, जो आपात स्थिति में खुल जाता है और ड्रोन सुरक्षित जमीन पर उतर जाता है. यानी ये ड्रोन पूरी तरह से सुरक्षित है और उड़ान भरते हुए डरने की जरूरत नहीं है. इस ड्रोन के कुछ ही दिनों में भारतीय सेना में शामिल होने की उम्मीद है.
चार-पांच साल में पूरा हुआ काम
बता दें कि पुणे की सागर डिफेंस इंजिनियरिंग भारत सरकार और डिफेंस के लिए अलग-अलग ड्रोन और मानव रहित बोट बनाती है. सागर डिफेंस इंजीनियरिंग के सह-संस्थापक मृदुल बब्बर ने बताया, ‘हमने चार-पांच साल इस पर काफी मेहनत की है. अभी जुलाई में पीएम मोदी ने इसका ट्रायल दिल्ली में देखा था. ड्रोन में 16 रोटर है. इसमें सेफ्टी का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया है, क्योंकि पहली बार ड्रोन में कोई इंसान उड़ेगा.
ऐसा है सेफ्टी सिस्टम
उन्होंने बताया, अगर चार-पांच विंग्स कुछ तकनीकी खराबी से फेल भी हो जाते है, इस स्थिति में भी ये हवा में उड़ता रहेगा. इसका इंजन काफी मजबूत है. अगर बुरी से बुरी हालत में भी इसके सभी विंग्स फेल हो जाते हैं, तो ड्रोन जमीन की ओर गिरने लगेगा. इस केस में हमने इसमें एक पैराशूट भी फिट किया है, जो गिरते समय वेलोसिटी के हिसाब से खुलेगा और ड्रोन से इंसान सुरक्षित नीचे उतर आएगा. शुरुआत में इस ड्रोन को मैन्युअली कंट्रोल किया जाएगा. आने वाले दिनों में इसमें ऑटोमेटेड मशीने लगाई जा सकती हैं.
क्या होता है ड्रोन?
ड्रोन एक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट होता है. जिसे रिमोट की सहायता से उड़ाया जाता है. अभी तक छोटे प्रकार के ड्रोन बनाए जाते थे. लेकिन अब बड़े ड्रोनों का निर्माण भी किया जा रहा है.
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Tags: Defence ministry, Drone, Drone camera
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