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संकल्प से ही सपनों को हकीकत में बदला जा सकता हैः ईशु प्रीत सिंह

उम्र केवल एक नंबर है ये सफलता में कभी बाधक नहीं होती.

उम्र केवल एक नंबर है ये सफलता में कभी बाधक नहीं होती.

कम उम्र कभी भी सफलता में बाधक नहीं होती है. जरूरत है समर्पण के भाव और सही रणनीति पर काम करने की. ऐसे में सक्सेस को आसान ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. उम्र केवल एक नंबर है, ये किसी भी काम में बाधा नहीं है. यदि आपमें मेहनत करने की इच्छा है, समर्पण का भाव है और सही रणनीति पर काम कर रहे हैं तो छोटी उम्र में भी समफलता आसानी से पाई जा सकती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है ईशु प्रीत सिंह ने. ईशु ने अपने कॅरियर की शुरुआत महत 12 साल की उम्र में कर ली थी ये कहना गलत नहीं होगा. आज 16 साल की उम्र में ही वे अपने निरंतर प्रयासों और सही दृष्टिकोण के चलते एक कंपनी के मालिक हैं. स्मार्ट सर्किल नामक डिजिटल कंपनी के सीईओ के तौर पर काम कर रहे ईशू का कहना है कि खुद की कंपनी होना एक सपना था लेकिन संकल्प लिया और अपने सपने को हकीकत में बदल दिया.

    कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले ईशु कहते हैं कि धरती पर ये स्वर्ग है लेकिन 2016 से ही इस जगह ने कठिन दौर देखा है. लेकिन इस दौरान भी वे डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में अपने सही निर्णयों के चलते सफल हुए. उन्होंने कई अभिनेताओं और कलाकारों के साथ काम किया. वे हमेशा काम करने वाले और क्रिएटिव फील्ड के लोगों के साथ रहते हैं. अपनी जगह से जुड़े रहने के लिए ईशु ने अपनी टीम के साथ कश्मीर से ही काम करने का फैसला लिया.

    ईमानदारी से काम करने और सही दृष्टिकोण के चलते ईशु ने कई बेहतरीन लोगों के साथ काम किया. वे अपनी कंपनी को बढ़ाने के लिए लगातार सीखने और नई बातों को समझने पर ध्यान केंद्रित करते हैं. वे हमेशा नैतिकता और विश्वास को प्राथमिकता और महत्व देते हैं. उनका मानना है कि फोकस के साथ काम करने और लगातार मेहनत करने से कुछ भी करना संभव है.

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