एल्गार परिषद केस: जमानती कार्रवाई पूरी करने के लिए वकील को वरवरा राव से मिलने की इजाजत

वरवरा राव. (पीटीआई फाइल फोटो)
Bombay High Court: एल्गार परिषद मामले में वरवरा राव को 22 फरवरी को उच्च न्यायालय ने चिकित्सा आधार पर छह माह के लिए अंतरिम जमानत दी है.
- भाषा
- Last Updated: February 25, 2021, 5:26 PM IST
मुंबई. बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के आरोपी कवि-कार्यकर्ता वरवरा राव के वकील को राव की जमानत की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए उनके हस्ताक्षर लेने के वास्ते नानावटी अस्पताल जाने की बृहस्पतिवार को अनुमति दे दी. एल्गार परिषद मामले में राव को सोमवार को उच्च न्यायालय ने चिकित्सा आधार पर छह माह के लिए अंतरिम जमानत दी है. इस मामले की जांच एनआईए कर रही है.
अदालत ने राव को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतें देने को कहा था, साथ ही उस वक्त राव के वकील आनंद ग्रोवर के उस अनुरोध को भी खारिज कर दिया था जिसमें कार्यकर्ता के वकीलों को उनसे मिलने की अनुमति देने की मांग की गई थी.
न्यायामूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की पीठ ने बृहस्पतिवार को अधिवक्ता आर सत्यनारायण को जमानत की शर्तों में बदलाव के लिए उच्च न्यायालय में अपील करने संबंधी अर्जी पर राव का हस्ताक्षर लाने के लिए उनसे मुलाकात की अनुमति दी.
इससे पहले बुधवार को ग्रोवर ने बंबई उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई जमानत की शर्त के तहत दो मुचलकों की जगह उन्हें नकद बॉण्ड जमा करने की इजाजत दी जाए. ग्रोवर ने बताया कि मुचलका हासिल करने की प्रक्रिया धीमी है. ग्रोवर ने अदालत से दो माह की अवधि के लिए नगद बांड जमा करने और मुचलके की औपचारिकता बाद में पूरी करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था.
वकील ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि सत्यनारायण को राव से मुलाकात करने की अनुमति दी जाए ताकि उनके हस्ताक्षर प्राप्त किए जा सकें. इसके बाद उच्च न्यायालय ने सत्यनारायण को राव से मुलाकात करने की अनुमति प्रदान की. अदालत ने राव के वकील से मुचलकों की शर्तों में सुधार के लिए शुक्रवार को अर्जी देने को भी कहा. राव को अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था.