महाराष्ट्र की सियासत में इस बार किसकी सुनेंगे गणपति!
तमाम विरोधाभासों के बीच, कई बार सत्ता और विपक्ष का भगवान एक होता है और दोनों ही पार्टियों के प्रमुख भगवान से अपने अपने वरदान मांगते हैं.
महाराष्ट्र में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कई मुद्दों पर राजनीतिक गहमागहमी का माहौल है. किसानों की समस्या, कर्ज माफी और पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने सरकार को सकते में ला दिया है. वहीं जनता से जुड़े मुद्दे को लेकर विपक्ष सड़क पर विरोध कर रहा है. यानी सरकार और विपक्ष के बीच इस समय सियासी तलवारें खिंची हैं. इन तमाम विरोधाभासों के बीच, कई बार सत्ता और विपक्ष का भगवान एक होता है और दोनों ही पार्टियों के प्रमुख भगवान से अपने अपने वरदान मांगते हैं.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बप्पा को विराजमान कर पूरे परिवार सहित महाराष्ट्र के सुख-शांति के साथ-साथ अपनी सत्ता को आने वाले समय में वर्षों तक बनाए रखने का वरदान मांगा है तो वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भी अपने घर में पूरे परिवार के साथ गणपति बप्पा का वेलकम किया है.
चव्हाण ने महाराष्ट्र में किसान की बढ़ती समस्या को खत्म करने बेरोजगारी कम करने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को कम करने की प्रार्थना गणपति बप्पा से की है. इसके साथ ही ही कांग्रेस की सरकार प्रदेश में फिर से आए इसकी प्रार्थना चव्हाण ने भगवान से की है.
यह भी पढ़ें: जीएसबी सेवा मंडल ने 70 किलो सोने से सजाया गणपति बप्पा कोइस बार भगवान के साथ-साथ अग्नि परीक्षा उस पंडित की भी है जिसने दोनों नेताओं के घर पूजा कराई है. दरअसल, फडणवीस और चव्हाण दोनों के घर एक ही पंडित मराठी ब्राह्मण मंदार जोशी ने गणपति की स्थापना कराई है. उन्हें पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पूजा करानी पड़ी. इसके तुरंत बाद उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के घर जाना पड़ा. हालांकि दोनों जगह पूजा कराने के चक्कर में वह खुद लेट हो गए.
दोनों प्रमुखों को एक ही आशीर्वाद गणपति बप्पा से दिलाना और एक ही पूजा कराना, पंडित के लिए एक बड़ा चैलेंज बन गया है. पंडित किसको कहें कि तुम सत्ता में बने रहो और किस को कहें तुम सत्ता से बेदखल हो जाओ. हालांकि यह सवाल पूछने पर पंडित जी मुस्कुरा दिए और पंडित मंदार जोशी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की वह लाइन ही दोहराने में अपनी भलाई समझी कि 'हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरू रखे.'
यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2018: नेता हो या अभिनेता सब बाप्पा के चरणों में, घर-घर विराजे गणेशदरअसल इसका इतिहास पुराना है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण जिस समय महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मंत्री थे उस समय से पंडित मंदार जोशी उनके यहां पूजा कराते थे. जब अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने तो पंडित जी के लिए सीएम आवास के दरवाजे भी खुल गए. इसके बाद सियासी समीकरण बदले और महाराष्ट्र में BJP की सरकार बनी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने लेकिन उन्होंने पंडित मंदार जोशी का दरवाजा कभी बंद नहीं किया वहीं दूसरी तरफ अशोक चव्हाण महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख बन गए .
अब हर साल पंडित मंदार जोशी सीएम हाउस में गणपति बप्पा की पूजा करते हैं और उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान के घर पर गणपति की पूजा करते हैं. हालांकि बड़ी बात यह है पंडित जोशी के लिए सबसे बड़ा चैलेंज यह होता है सीएम आवास में बैठे मुख्यमंत्री को उनकी सरकार लगातार चलाने का आशीर्वाद दें या फिर उन्हें सत्ता से बेदखल होने का. इसके साथ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को सीएम आवास में फिर से जाने का आशीर्वाद दें.
जो भी हो महाराष्ट्र की सियासत से दूर एक ब्राह्मण ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बीच गणपति बप्पा की तरह ही दोनों के बीच समरसता की कड़ी बनाने का काम किया है.
यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2018: देशभर में गणेशोत्सव की धूम, मुंबई में हर घर में विराजे गणराय
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बप्पा को विराजमान कर पूरे परिवार सहित महाराष्ट्र के सुख-शांति के साथ-साथ अपनी सत्ता को आने वाले समय में वर्षों तक बनाए रखने का वरदान मांगा है तो वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भी अपने घर में पूरे परिवार के साथ गणपति बप्पा का वेलकम किया है.
चव्हाण ने महाराष्ट्र में किसान की बढ़ती समस्या को खत्म करने बेरोजगारी कम करने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को कम करने की प्रार्थना गणपति बप्पा से की है. इसके साथ ही ही कांग्रेस की सरकार प्रदेश में फिर से आए इसकी प्रार्थना चव्हाण ने भगवान से की है.
यह भी पढ़ें: जीएसबी सेवा मंडल ने 70 किलो सोने से सजाया गणपति बप्पा कोइस बार भगवान के साथ-साथ अग्नि परीक्षा उस पंडित की भी है जिसने दोनों नेताओं के घर पूजा कराई है. दरअसल, फडणवीस और चव्हाण दोनों के घर एक ही पंडित मराठी ब्राह्मण मंदार जोशी ने गणपति की स्थापना कराई है. उन्हें पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पूजा करानी पड़ी. इसके तुरंत बाद उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के घर जाना पड़ा. हालांकि दोनों जगह पूजा कराने के चक्कर में वह खुद लेट हो गए.
दोनों प्रमुखों को एक ही आशीर्वाद गणपति बप्पा से दिलाना और एक ही पूजा कराना, पंडित के लिए एक बड़ा चैलेंज बन गया है. पंडित किसको कहें कि तुम सत्ता में बने रहो और किस को कहें तुम सत्ता से बेदखल हो जाओ. हालांकि यह सवाल पूछने पर पंडित जी मुस्कुरा दिए और पंडित मंदार जोशी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की वह लाइन ही दोहराने में अपनी भलाई समझी कि 'हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरू रखे.'
यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2018: नेता हो या अभिनेता सब बाप्पा के चरणों में, घर-घर विराजे गणेश
Loading...
अब हर साल पंडित मंदार जोशी सीएम हाउस में गणपति बप्पा की पूजा करते हैं और उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान के घर पर गणपति की पूजा करते हैं. हालांकि बड़ी बात यह है पंडित जोशी के लिए सबसे बड़ा चैलेंज यह होता है सीएम आवास में बैठे मुख्यमंत्री को उनकी सरकार लगातार चलाने का आशीर्वाद दें या फिर उन्हें सत्ता से बेदखल होने का. इसके साथ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को सीएम आवास में फिर से जाने का आशीर्वाद दें.
जो भी हो महाराष्ट्र की सियासत से दूर एक ब्राह्मण ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बीच गणपति बप्पा की तरह ही दोनों के बीच समरसता की कड़ी बनाने का काम किया है.
यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2018: देशभर में गणेशोत्सव की धूम, मुंबई में हर घर में विराजे गणराय
Loading...
और भी देखें
Updated: February 17, 2019 08:46 PM ISTFact Check: क्या पुलवामा हमले का बताया जा रहा यह वीडियो सच है?