इससे पहले इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई टाल दी थी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra News) में शिवसेना (Shivsena) और बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार के भाग्य का फैसला आगामी 20 जुलाई को होगा. शिवसेना के दोनों गुटों की तरफ से दायर याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायाधीश कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की पीठ बुधवार को सुनवाई करेगी. इससे पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को राहत देते हुए 16 विधायकों की अयोग्यता मामले को टाल दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट को भी राहत दी थी. कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर को निर्देश दिया था कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती विधायकों की योग्यता पर कोई निर्णय न लिया जाए.
Supreme Court to hear on July 20 the pleas filed by both the factions of Shiv Sena on #MaharashtraPolitcalCrisis
A bench of Chief Justice of India NV Ramana, Justices Krishna Murari & Hima Kohli will hear the pleas filed by the Uddhav Thackeray-led camp & the Eknath Shinde camp pic.twitter.com/LTPuBmlFTf
— ANI (@ANI) July 17, 2022
इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र में तब तक राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है जब तक कि उच्चतम न्यायालय की तरफ से इस मामले पर फैसला नहीं आ जाता. इसके साथ ही संजय राउत ने नए मंत्रिमंडल के गठन में देरी को लेकर भी शिंद सरकार पर निशाना साधा.
उन्होंने ट्वीट करके कहा कि बारबाडोस की आबादी 2.5 लाख है वहां भी 27 लोगों की कैबिनेट है लेकिन महाराष्ट्र की आबादी 12 करोड़ से अधिक है लेकिन यहां सिर्फ दो सदस्यों की कैबिनेट है जो अपने तरीके से मनमाने फैसले ले रही है. उन्होंने पूछा कि संविधान का सम्मान कहां है?
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्तव वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के पतन के बाद एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी जबकि वहीं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
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