महाराष्ट्रः एनसीपी में नेताओं की वापसी पर अजीत पवार का बीजेपी पर तंज, अभी कई और आएंगे

अजीत पवार ने कहा कि जल्द ही पुणे और पिंपरी चिंचवड़ के कार्यकर्ताओं का पार्टी में स्वागत किया जाएगा. फोटो- ANI
एनसीपी नेता (NCP Leader) अजीत पवार (Ajit Pawar) ने कहा कि पुणे और पिंपरी के कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी में वापस आने की इच्छा जताई है और जल्दी ही उन्हें पार्टी में शामिल किया जाएगा.
- News18Hindi
- Last Updated: December 26, 2020, 7:09 PM IST
आशीष दीक्षित
मुंबई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़ने को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है. अजीत पवार ने शनिवार को कहा, "मैंने एक सभा में कहा था कि वो ख्याल रखें. पिछली बार आपने (बीजेपी) जिस तरह से लोगों को तोड़ने की राजनीति की थी, उसी तरह तीन चार महीनों में ऐसी कुछ चीजें हो सकती हैं. ऐसा मैंने कहा था, अब उसका भी उनको गुस्सा आ गया है. बाकी पार्टियों से विधायक लेते समय उनको अच्छा लग रहा था, अब कैसा फील कर रहे हैं."
अजीत पवार ने शनिवार को कहा कि जिन लोगों ने बीजेपी ज्वॉइन किया था, उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी सत्ता में आई तो उनके काम होंगे. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. अब वे बीजेपी छोड़ना चाहते हैं, क्योंकि उनके काम नहीं हुए. उन्होंने कहा कि पुणे और पिम्परी चिंचवड़ के कुछ कार्यकर्ताओं ने वापस आने की इच्छा जाहिर की हैं, जल्द ही उनको पार्टी में शामिल किया जाएगा.
बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल के कोल्हापुर लौटने के बयान पर अजीत पवार ने कहा, "कोई (फडणवीस) कह रहा था कि मैं फिर आऊंगा, वो हो नहीं पाया, अब दूसरा कह रहा कि मैं वापस जाऊंगा. उनको पुणे में किसी ने बुलाया ही नहीं था, उन्हें कोल्हापुर में ही रहना चाहिए था. लोगों ने पांच साल के लिए चुनकर दिया है. एक साल में ही वापस जाने की भाषा बोलने लगे हैं तो लोग कहेंगे, आप यहां आए ही क्यों थे.बीजेपी छोड़कर एनसीपी में आने वाले एकनाथ खड़से को ईडी नोटिस मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं है, लेकिन न्यूज में ही मैंने खबर पढ़ी है. मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई है. महाविकास अघाड़ी गठबंधन की पार्टियों के बीच एकजुटता के सवाल पर उन्होंने कहा, "हमारी कोशिश है कि जिस तरह विधानसभा में हम एक साथ थे, उसी तरह बाकी चुनावों में भी एक साथ रहना चाहिए. लेकिन, मेरे अकेले कहने से कुछ नहीं होगा. शिवसेना को भी वही भूमिका लेनी होगी. कांग्रेस को भी वही भूमिका लेनी होगी और बाकी जो पार्टियां हैं. उनको भी ये भूमिका लेनी होगी."

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन के खिलाफ बीजेपी और शिवसेना ने चुनाव लड़ा था, बाद में मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति ना बन पाने के कारण शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया. तीनों पार्टियों ने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन के तहत सरकार बनाई और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने.
मुंबई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़ने को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है. अजीत पवार ने शनिवार को कहा, "मैंने एक सभा में कहा था कि वो ख्याल रखें. पिछली बार आपने (बीजेपी) जिस तरह से लोगों को तोड़ने की राजनीति की थी, उसी तरह तीन चार महीनों में ऐसी कुछ चीजें हो सकती हैं. ऐसा मैंने कहा था, अब उसका भी उनको गुस्सा आ गया है. बाकी पार्टियों से विधायक लेते समय उनको अच्छा लग रहा था, अब कैसा फील कर रहे हैं."
अजीत पवार ने शनिवार को कहा कि जिन लोगों ने बीजेपी ज्वॉइन किया था, उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी सत्ता में आई तो उनके काम होंगे. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. अब वे बीजेपी छोड़ना चाहते हैं, क्योंकि उनके काम नहीं हुए. उन्होंने कहा कि पुणे और पिम्परी चिंचवड़ के कुछ कार्यकर्ताओं ने वापस आने की इच्छा जाहिर की हैं, जल्द ही उनको पार्टी में शामिल किया जाएगा.
बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल के कोल्हापुर लौटने के बयान पर अजीत पवार ने कहा, "कोई (फडणवीस) कह रहा था कि मैं फिर आऊंगा, वो हो नहीं पाया, अब दूसरा कह रहा कि मैं वापस जाऊंगा. उनको पुणे में किसी ने बुलाया ही नहीं था, उन्हें कोल्हापुर में ही रहना चाहिए था. लोगों ने पांच साल के लिए चुनकर दिया है. एक साल में ही वापस जाने की भाषा बोलने लगे हैं तो लोग कहेंगे, आप यहां आए ही क्यों थे.बीजेपी छोड़कर एनसीपी में आने वाले एकनाथ खड़से को ईडी नोटिस मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं है, लेकिन न्यूज में ही मैंने खबर पढ़ी है. मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई है. महाविकास अघाड़ी गठबंधन की पार्टियों के बीच एकजुटता के सवाल पर उन्होंने कहा, "हमारी कोशिश है कि जिस तरह विधानसभा में हम एक साथ थे, उसी तरह बाकी चुनावों में भी एक साथ रहना चाहिए. लेकिन, मेरे अकेले कहने से कुछ नहीं होगा. शिवसेना को भी वही भूमिका लेनी होगी. कांग्रेस को भी वही भूमिका लेनी होगी और बाकी जो पार्टियां हैं. उनको भी ये भूमिका लेनी होगी."
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन के खिलाफ बीजेपी और शिवसेना ने चुनाव लड़ा था, बाद में मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति ना बन पाने के कारण शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया. तीनों पार्टियों ने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन के तहत सरकार बनाई और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने.