महाराष्ट्र: अस्पताल के पास शुरू से नहीं था दमकल का NOC, आग में गई थी 10 नवजातों की जान

भंडारा के अस्पताल में लगी थी आग. (File Pic)
9 जनवरी को भंडारा के अस्पताल में नवजातों की एसएनसीयू नामक यूनिट में आग लग गई थी. इसमें 10 नवजातों की जान गई थी.
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 9:43 PM IST
मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) के भंडारा (Bhandara) के जिस अस्पताल में पिछले हफ्ते आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जान गई थी, उसे लेकर हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. इसके मुताबिक भंडारा में यह अस्पताल 1981 से चल रहा है. लेकिन अस्पताल के पास अब तक दमकल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी फायर एनओसी (Fire NOC) नहीं था. जबकि यह अनिवार्य होता है.
यह भी जानकारी सामने आई है कि 2015 में अस्पताल में नवजातों के लिए नई सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU), एक मेडिकल स्टोर और एक न्यूट्रिशन रिहैबिलेशन सेंटर खोला गया था. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार इस निर्माण के लिए भी भंडारा नगर परिषद से फायर एनओसी नहीं लिया गया था.
वरिष्ठ अफसरों ने यह भी बताया है कि इमारत को पीडब्ल्यूडी की ओर से पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को सौंपा गया था, लेकिन बिना किसी प्रमाण पत्र के ही ऐसा किया गया था. 2015 से लेकर अब तक अस्पताल में सिर्फ एक ही फायर ड्रिल हुई है. यह ड्रिल कायाकल्प स्कीम 2016-17 के तहत हुई थी.
बता दें कि 9 जनवरी को भंडारा के अस्पताल में नवजातों की एसएनसीयू नामक यूनिट में आग लग गई थी. इसमें 10 नवजातों की जान गई थी. इस घटना की जांच छह सदस्यीय जांच दल कर रहा है. इस कमेटी में स्वास्थ्य विभाग, दमकल विभाग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर शामिल हैं.
यह भी जानकारी सामने आई है कि 2015 में अस्पताल में नवजातों के लिए नई सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU), एक मेडिकल स्टोर और एक न्यूट्रिशन रिहैबिलेशन सेंटर खोला गया था. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार इस निर्माण के लिए भी भंडारा नगर परिषद से फायर एनओसी नहीं लिया गया था.
वरिष्ठ अफसरों ने यह भी बताया है कि इमारत को पीडब्ल्यूडी की ओर से पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को सौंपा गया था, लेकिन बिना किसी प्रमाण पत्र के ही ऐसा किया गया था. 2015 से लेकर अब तक अस्पताल में सिर्फ एक ही फायर ड्रिल हुई है. यह ड्रिल कायाकल्प स्कीम 2016-17 के तहत हुई थी.
बता दें कि 9 जनवरी को भंडारा के अस्पताल में नवजातों की एसएनसीयू नामक यूनिट में आग लग गई थी. इसमें 10 नवजातों की जान गई थी. इस घटना की जांच छह सदस्यीय जांच दल कर रहा है. इस कमेटी में स्वास्थ्य विभाग, दमकल विभाग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर शामिल हैं.