महाराष्ट्र : सिविल कोर्ट ने मनसे को दिए आदेश- अमेजन के कारोबार में बाधा न डालें

अमेजन ने अदालत में दायर किया था मुकदमा.
दिंदोशी स्थित सिविल कोर्ट ने अमेजन (Amazon) को राहत देते हुए कहा, 'इस देखकर ऐसा लगता है कि वादी को काम करने के लिए सुरक्षा दिए जाने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो कारोबार के कामों में परेशानी होगी.'
- News18Hindi
- Last Updated: December 25, 2020, 1:43 PM IST
मुंबई. महराष्ट्र में जारी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena) और ई कॉमर्स (E Commerce) कंपनी अमेजन भी जारी विवाद में सिविल कोर्ट ने आदेश सुनाया है. दिंदोशी सिविल कोर्ट ने मनसे को अस्थायी रूप से कंपनी के काम या कर्मचारियों के कामों में रोक डालने से मना किया है. कंपनी ने मनसे के खिलाफ सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर किया था. खास बात यह है कि इस पार्टी का कहना है कि अमेजन के ऑनलाइन ऐप्स (Online Apps) पर मराठी भाषा (Marathi Language) नहीं है. इस बात को लेकर मनसे ने अमेजन के खिलाफ अभियान भी चलाया था.
मनसे नेता अखिल चित्रे ने कहा, 'हमने देखा की कंपनी कई दक्षिण भारतीय भाषाओं के साथ काम कर रही है, लेकिन मराठी के साथ नहीं. इसे लेकर हमने कंपनी को को उनके ऑनलाइन ऐप्स में मराठी भाषा को शामिल करने के लिए लिखा था.' इस दौरान पार्टी के प्रतिनिधियों के बीच कई बैठकें हुईं, लेकिन एमएनएस की तरफ से डराने वाली कार्रवाई के बाद अमेजन ने सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कंपनी ने एमएनएस के खिलाफ आदेश के लिए कोर्ट में पांच मुकदमे दायर किए हैं.
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अमेजन की तरफ से अदालत पहुंचे वकील ने कहा, 'प्रतिवादी मनसे वादी अमेजन को धमका रहा है और प्रतिवादी अनुचित लेबर तरीकों का सहारा ले रहा है. वह वादी के कार्यस्थल पर काम कर रहे कर्मचारियों को उकसा रहा है.' हालांकि, इस पर मनसे ने क्षेत्राधिकार के मुद्दे को उठाया है और अमेजन की तरफ से की गई राहत की मांग पर आपत्ति जताई है.
दिंदोशी स्थित सिविल कोर्ट ने अमेजन को राहत देते हुए कहा, 'इसे देखकर ऐसा लगता है कि वादी को काम करने के लिए सुरक्षा दिए जाने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो कारोबार के कामों में परेशानी होगी.'
मनसे नेता अखिल चित्रे ने कहा, 'हमने देखा की कंपनी कई दक्षिण भारतीय भाषाओं के साथ काम कर रही है, लेकिन मराठी के साथ नहीं. इसे लेकर हमने कंपनी को को उनके ऑनलाइन ऐप्स में मराठी भाषा को शामिल करने के लिए लिखा था.' इस दौरान पार्टी के प्रतिनिधियों के बीच कई बैठकें हुईं, लेकिन एमएनएस की तरफ से डराने वाली कार्रवाई के बाद अमेजन ने सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कंपनी ने एमएनएस के खिलाफ आदेश के लिए कोर्ट में पांच मुकदमे दायर किए हैं.
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अमेजन की तरफ से अदालत पहुंचे वकील ने कहा, 'प्रतिवादी मनसे वादी अमेजन को धमका रहा है और प्रतिवादी अनुचित लेबर तरीकों का सहारा ले रहा है. वह वादी के कार्यस्थल पर काम कर रहे कर्मचारियों को उकसा रहा है.' हालांकि, इस पर मनसे ने क्षेत्राधिकार के मुद्दे को उठाया है और अमेजन की तरफ से की गई राहत की मांग पर आपत्ति जताई है.
दिंदोशी स्थित सिविल कोर्ट ने अमेजन को राहत देते हुए कहा, 'इसे देखकर ऐसा लगता है कि वादी को काम करने के लिए सुरक्षा दिए जाने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो कारोबार के कामों में परेशानी होगी.'