महाराष्ट्र विधानसभा के इस विशेष सत्र के दौरान रविवार को असेंबली स्पीकर का चुनाव किया जाएगा. बीजेपी ने इस चुनाव के लिए अपने पहली बार के युवा विधायक राहुल नार्वेकर को मैदान में उतारा है. वहीं एमवीए गठबंधन ने राजन साल्वी को आगे किया है.
महज 31 महीनों के अंदर ही शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिर चुकी है. उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद एकनाथ शिंदे सीएम पद और बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम की शपथ ले चुके हैं.
एकनाथ शिंदे का दावा है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के कुल 55 विधायकों में से 39 उनके साथ हैं. इसके अलावा 9 निर्दलीय और 2 दूसरे दलों के विधायक भी उनका सपोर्ट कर रहे हैं. नई सरकार में सहयोगी बीजेपी के 105 विधायक हैं.
बगावत के शिकार हुए उद्धव ठाकरे संकेतों में साफ कर चुके हैं कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में वह बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर की आसान जीत नहीं होने देंगे. एमवीए गठबंधन ने जिस राजन साल्वी को उम्मीदवार बनाया है, वह शिवसेना के उद्धव कैंप के विधायक माने जाते हैं.
इस सत्र के लिए पिछली उद्धव सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले बागी विधायक शनिवार रात को गोवा से मुंबई पहुंच गए हैं. इन विधायकों और एकनाथ शिंदे व देवेंद्र फडणवीस के बीच रात को बैठक भी हुई.
महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर का पद पिछले साल कांग्रेस के नाना पटोले के इस्तीफे के बाद से ही खाली है. अभी तक डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ही सदन का कामकाज संभाल रहे थे, लेकिन शिवसेना में बगावत के दौरान उनके फैसलों पर भी गंभीर सवाल उठे हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है.
डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी कर रखा है. उन्होंने बागियों को 48 घंटे के अंदर जवाब देने का समय दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाकर 12 जुलाई तक कर दिया है. विधानसभा सत्र शुरू होने पर बागी विधायकों की अयोग्यता का मुद्दा एक बार जोर पकड़ेगा.
शिवसेना के चीफ विप सुनील प्रभु ने स्पीकर चुनाव के वक्त सभी पार्टी विधायकों को मौजूद रहने और राजन साल्वी के पक्ष में वोट देने का विप जारी किया है. ठाकरे पक्ष दावा करेगा कि जो विधायक साल्वी के पक्ष में वोट नहीं देंगे, उन्हें अयोग्यता का सामना करना पड़ेगा.
जाहिर है कि शिवसेना के बागी विधायक शिंदे सरकार के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को सपोर्ट करेंगे. एकनाथ शिंदे ने कहा भी है कि ये विप उनके गुट पर लागू नहीं होता क्योंकि शिवसेना के 55 विधायकों में से दो-तिहाई से ज्यादा का बहुमत उनके साथ है. ऐसे में इस विप का कोई मतलब नहीं है.
कुल मिलाकर विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सदन के अंदर शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई खुलकर सामने आ सकती है. उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे कैंप के बीच इस जंग का स्पीकर पद के चुनाव पर क्या असर होगा, ये देखने की बात होगी.
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FIRST PUBLISHED : July 03, 2022, 08:20 IST