नासिक. नासिक के एक पंचायत में दबंग जाट पंचायत ने एक अनुसूचित जाति की महिला को अन्य जाति में शादी करने के कारण एसटी के तहत मिलने वाली सभी सुविधाओं को त्यागने का दबाव डाला है. पंचायत के सरपंच ने महिला को कागज पर यह लिखने के लिए मजबूर किया है कि वह आगे से एसटी के तहत कोई भी सरकारी सुविधा नहीं लेंगी. मामला प्रकाश में आने के बाद प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) ने घोर आपत्ति दर्ज की है और सरपंच के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है. एक स्थानीय वीबीए नेता ने दावा किया कि रायम्बे गांव के सरपंच ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है. नेता ने ‘जाट पंचायत’ (जाट नेताओं का एक समूह) के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग की है. सूत्रों के मुताबिक, नासिक के इगतपुरी तालुका के वालविहिर गांव की रहने वाली महिला ने हाल ही में दूसरी जाति के एक व्यक्ति से शादी की थी.
ससुराल आने पर महिला से लिखवाया गया
रिपोर्ट के मुताबिक पांच मई को, जब दंपत्ति उसी तालुका में स्थित रायम्बे गांव में दूल्हे के घर आए, तो महिला (दुल्हन) समुदाय के कुछ लोग भड़क गए. उन्होंने दंपत्ति को पंचायत बुलाया और कथित तौर पर महिला को यह बात लिखित में देने के लिए मजबूर किया कि वह एसटी समुदाय को मिलने वाले सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं लेगी क्योंकि उसने दूसरी जाति के एक व्यक्ति से शादी की थी. सूत्रों ने बताया कि पंचायत ने पत्र पर महिला और उसके पति के हस्ताक्षर करवाने के बाद उस पर सरपंच की मुहर लगाई.
जाट पंचायत के खिलाफ मामला दर्ज हो
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वीबीए की त्र्यंबकेश्वर इकाई के अध्यक्ष उमेश सोनवणे ने पत्रकारों से कहा कि सरकार जातियों के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए प्रोत्साहित करती है और अंतरजातीय विवाह के लिए वित्तीय सहायता भी देती है. उन्होंने कहा, इस मामले में सरपंच ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है और ऐसा नहीं करना चाहिए था. इसलिए, उन्हें पद से हटाते हुए जाट पंचायत के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
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