मुंबई. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) के बेटे और महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक नितेश राणे (Nitesh Rane) को सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका (Anticipatory Bail) को खारिज कर दिया है. हालांकि हाईकोर्ट ने नितेश राणे की गिरफ्तारी पर 27 जनवरी तक रोक लगा दी है ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें. नितेश राणे पर शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर जानलेवा हमले में शामिल होने का आरोप है. इस मामले में केस सिंधुदुर्ग में दर्ज हुआ है. वहीं हाईकोर्ट ने इस मामले में दूसरे आरोपी मनीष दलवी को अग्रिम जमानत दी है.
इससे पहले 13 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र पुलिस ने हाईकोर्ट में दावा किया था कि हत्या के प्रयास के मामले में विधायक नितेश राणे की संलिप्तता साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. पुलिस ने यह भी कहा था कि यह मामला किसी उपहास की घटना के कारण दर्ज नहीं किया गया है. सिंधुदुर्ग जिले की कंकावली पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक सुदीप पासबोला ने नितेश राणे की अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त करने का अदालत से अनुरोध किया था. नितेश राणे ने पिछले महीने पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले में अग्रिम जमानत मांगी थी.
यह मामला सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से संबंधित है. राणे की याचिका का विरोध करते हुए कंकावली पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा था कि यह कहना गलत है कि याचिकाकर्ता को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है या 23 दिसंबर, 2021 को विधान भवन के बाहर धरने में किए गए उपहास के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
पासबोला ने 13 जनवरी को दलील दी थी कि अगर मामला राजनीति से प्रेरित होता तो पुलिस 24 दिसंबर, 2021 को ही राणे को उस वक्त गिरफ्तार कर लेती, जब वह पूछताछ के लिए पेश हुए थे. अदालत ने राणे की अग्रिम जमानत अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. (इनपुट भाषा से भी)
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