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मुंबई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तुलना मराठा राजा छत्रपति शिवाजी से करने वाले बयान को लेकर महाराष्ट्र में विपक्ष ने पर्यटन मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगल प्रभात लोढ़ा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लोढ़ा ने शिवाजी के आगरा से मुगल सम्राट औरंगजेब की कैद से बचकर भागने की ऐतिहासिक घटना की तुलना शिंदे के शिव सेना छोड़ने से करके एक विवाद खड़ा कर दिया. कांग्रेस ने गुरुवार को उनके इस्तीफे की मांग की, जबकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने कहा कि उन्हें ‘महान मराठा योद्धा’ के बारे में सही ज्ञान नहीं है. हालांकि लोढ़ा ने बाद में कहा कि उन्होंने शिवाजी महाराज और शिंदे के बीच कोई तुलना नहीं की. ‘शिवाजी महाराज अत्यधिक पूजनीय हैं. मेरा मतलब महान योद्धा को कमतर साबित करना नहीं था.’
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की कि लोढ़ा को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘कोई मंत्री शिवाजी के बारे में ऐसा कैसे कह सकता है और वह भी महाराष्ट्र में. वह अब माफी मांग रहे हैं. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि शिवाजी ने गद्दारों को कभी माफ नहीं किया. लोढ़ा शिवाजी महाराज के खिलाफ टिप्पणी करने में राज्यपाल और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी से एक कदम आगे निकल गए हैं.’ पटोले ने ‘शिवाजी का अपमान’ करने के लिए शिंदे और भाजपा की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि ‘सीएम शिंदे इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि वह डर और भ्रष्टाचार की वजह से इस पद पर पहुंचे हैं. एक ओर वे शिवाजी के प्रशंसक होने का ढोंग करते हैं और दूसरी ओर उनका अपमान करते रहते हैं.’ उन्होंने शिंदे खेमे के विधायकों और सांसदों से कहा कि अगर उन्हें शिवाजी पर थोड़ा भी गर्व है तो शिवाजी महाराज के अपमान के विरोध में उनको इस्तीफा दे देना चाहिए.
इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा के नेता छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने में एक दूसरे के साथ होड़ कर रहे हैं, जैसे कि उन्हें इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से इनाम दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ‘भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महाराज ने माफी मांगी थी. राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने कहा कि शिवाजी महाराज पुराने दिनों के आइकन थे. अब एक मंत्री ने उनकी तुलना पार्टी और राज्य से गद्दारी करने वाले नेता से की है. पर्यटन मंत्री को कम से कम राज्य के इतिहास और उसके आइकन के बारे में पता होना चाहिए. शिवाजी महाराज के बारे में जानने के लिए दुनिया भर से लोग यहां आते हैं और राज्य के पर्यटन मंत्री को इतिहास तक नहीं पता है.’
इसके जवाब में उद्योग मंत्री और शिंदे खेमे के नेता उदय सामंत ने कहा कि ‘सत्ता खोने के कारण राउत ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पहले ही कह चुके हैं कि हम महाराष्ट्र के आइकन पर टिप्पणी करने के खिलाफ हैं और इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है. इसके बावजूद राउत एक ही मुद्दे को बार-बार उठाते रहे हैं. हम उस पर ध्यान नहीं देंगे. हम इसे मनोरंजन के तौर पर लेते हैं.’ गौरतलब है कि विपक्ष पहले से ही शिवाजी के खिलाफ टिप्पणी के लिए राज्यपाल बीएस कोश्यारी को हटाने की मांग कर रहा है.
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Tags: BJP, Congress, Maharashtra, Shiv sena
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