महाराष्ट्र: कल्याण से बीजेपी विधायक के कार्यक्रम में शामिल हुए शिवसेना सांसद

बिहार में आज बीजेपी में कई बड़े चेहरे शामिल होंगे (सांकेतिक फोटो)
Shivsena on Farmers Tractor Rally: दिल्ली (Delhi) में किसानों के आंदोलन में हुई हिंसा पर शिवसेना (Shivsena) ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि राजधानी में हुई हिंसा सरकार की विफलता है. शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि कानून लोगों के लिए बनाए जाते हैं, अगर लोग खुश नहीं हैं तो ये कानून किसके लिए हैं?
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 8:57 PM IST
ठाणे. कल्याण से शिवसेना (Shivsena) सांसद श्रीकांत शिंदे, मंगलवार को विपक्षी दल बीजेपी (BJP) के विधायक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में चले गए. शिंदे ने बाद में कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने का उनका कोई पूर्वनियोजित इरादा नहीं था और उन्होंने अंत समय में कार्यक्रम में जाने का फैसला लिया. शिंदे के पिता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं. कल्याण में नए बने पटरीपुल आरओबी के पास स्थित रोड जंक्शन का नामकरण सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) के नाम पर रखने के लिए डोम्बिवली सेबीजेपीविधायक और पूर्व मंत्री रविंद्र चव्हाण द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में शामिल होकर श्रोताओं को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा, “हालांकि, महामारी के दौर में सामाजिक दूरी बनाना जरूरी है, लेकिन नागरिकों और नेताओं के दिलों के बीच दूरी नहीं होनी चाहिए.” श्रोताओं में ज्यादातर बीजेपी के कार्यकर्ता मौजूद थे.
उधर, दिल्ली में किसानों के आंदोलन में हुई हिंसा पर शिवसेना ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि राजधानी में हुई हिंसा सरकार की विफलता है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि कानून लोगों के लिए बनाए जाते हैं, अगर लोग खुश नहीं हैं तो ये कानून किसके लिए हैं? आज हुई हिंसा का जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि यदि कोई और सरकार होती तो उससे तुरंत इस्तीफा मांगा जाता, कानून व्यवस्था कौन देख रहा है? उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए कहा कि अब ममता बनर्जी या उद्धव ठाकरे का इस्तीफा मांगेंगे.
राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'दिल्ली में कानून-व्यवस्था बाधित हो गई है. यह सरकार की विफलता है. इस अराजकता के लिए, वो किससे इस्तीफा मांगेंगे? सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार या जो बाइडन? इस मामले पर इस्तीफा ... इस्तीफा दिया जाता है साहब ...'शिवसेना सांसद ने कहा कि हम किसानों की मांग के साथ हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करते हैं, लेकिन दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करते हैं.' संजय राउत ने कहा कि मुंबई के आजाद मैदान पर प्रदेश भर के हजारों किसान आए थे, लेकिन माहौल खराब नहीं होने दिया गया. दिल्ली में शायद इमरजेंसी का माहौल बनाना चाहते हों. यही प्रयास पिछले साल शाहीन बाग में हुआ था.
उन्होंने कहा कि जब बाबरी मस्जिद गिरी थी तब भी पुलिस को आश्वस्त किया था. उन्होंने कहा कि क्या सरकार इसी दिन का बेसब्री से इंतजार कर रही थी? संजय राउत ने अपने ट्विटर अकांउट के माध्यम से कहा कि सरकार ने आखिर तक लाखों किसानों की बात क्यों नहीं सुनी. ये किस टाइप का लोकतंत्र हमारे देश में पनप रहा है? ये लोकतंत्र नहीं है भाई... कुछ और ही चल रहा है.
उधर, दिल्ली में किसानों के आंदोलन में हुई हिंसा पर शिवसेना ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि राजधानी में हुई हिंसा सरकार की विफलता है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि कानून लोगों के लिए बनाए जाते हैं, अगर लोग खुश नहीं हैं तो ये कानून किसके लिए हैं? आज हुई हिंसा का जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि यदि कोई और सरकार होती तो उससे तुरंत इस्तीफा मांगा जाता, कानून व्यवस्था कौन देख रहा है? उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए कहा कि अब ममता बनर्जी या उद्धव ठाकरे का इस्तीफा मांगेंगे.
राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'दिल्ली में कानून-व्यवस्था बाधित हो गई है. यह सरकार की विफलता है. इस अराजकता के लिए, वो किससे इस्तीफा मांगेंगे? सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार या जो बाइडन? इस मामले पर इस्तीफा ... इस्तीफा दिया जाता है साहब ...'शिवसेना सांसद ने कहा कि हम किसानों की मांग के साथ हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करते हैं, लेकिन दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करते हैं.' संजय राउत ने कहा कि मुंबई के आजाद मैदान पर प्रदेश भर के हजारों किसान आए थे, लेकिन माहौल खराब नहीं होने दिया गया. दिल्ली में शायद इमरजेंसी का माहौल बनाना चाहते हों. यही प्रयास पिछले साल शाहीन बाग में हुआ था.
उन्होंने कहा कि जब बाबरी मस्जिद गिरी थी तब भी पुलिस को आश्वस्त किया था. उन्होंने कहा कि क्या सरकार इसी दिन का बेसब्री से इंतजार कर रही थी? संजय राउत ने अपने ट्विटर अकांउट के माध्यम से कहा कि सरकार ने आखिर तक लाखों किसानों की बात क्यों नहीं सुनी. ये किस टाइप का लोकतंत्र हमारे देश में पनप रहा है? ये लोकतंत्र नहीं है भाई... कुछ और ही चल रहा है.