होम /न्यूज /महाराष्ट्र /भारत के डॉक्टर्स का कमाल, गुजरात की सामिया के जन्म से ही नहीं था दाहिना हाथ, कर दिया हैंड ट्रांसप्लांट

भारत के डॉक्टर्स का कमाल, गुजरात की सामिया के जन्म से ही नहीं था दाहिना हाथ, कर दिया हैंड ट्रांसप्लांट

सामिया मंसूरी का ऑपरेशन करके नया हाथ जोड़ा गया. (ANI फोटो)

सामिया मंसूरी का ऑपरेशन करके नया हाथ जोड़ा गया. (ANI फोटो)

गुजरात के भरूच की रहने वाली सामिया मंसूरी का दाहिना हाथ जन्म से ही नहीं था. हालांकि डॉक्टरों ने अब उसकी सफल सर्जरी करके ...अधिक पढ़ें

मुंबई. 18 साल की सामिया मंसूरी को अपनी जिंदगी का शायद सबसे बेहतरीन बर्थडे गिफ्ट मिला है. मुंबई स्थित ग्लोबल अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे एक नया हाथ लगाया है. अस्पताल का दावा है कि यह भारत में किया गया अपनी तरह का पहला ऑपरेशन था.

गुजरात के भरूच की रहने वाली सामिया का दाहिना हाथ जन्म से ही नहीं था. हालांकि डॉक्टरों ने अब उसकी सफल सर्जरी करके नया हाथ लगा दिया है.

सामिया ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘मैं सच में बहुत खुश हूं. मुझे अपने हाथों से बहुत कुछ करना है.’ वह कहती है, ‘जब मुझे सूचना मिली कि मुझे नया हाथ मिलेगा तो मेरे दिमाग में बहुत सी बातें चल रही थीं. मुझे सपने भी आए थे कि मैं अपने हाथ से बहुत कुछ कर रही हूं. यहां तक कि अपने हाथ से ड्राइविंग भी कर रही हूं.’

सामिया अभी बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) की पढ़ाई कर रही है. वह कहती है कि वह बीसीए और एमसीए पूरा करने के बाद पुलिस अधिकारी बनना चाहती है और पुलिस की साइबर टीम में काम करना चाहती है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे अपने हाथ के बिना बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. जब मैं छोटी थी, तो मेरे सहपाठी हाथ न होने पर मुझे चिढ़ाते थे. मैं सार्वजनिक स्थानों पर जाने से भी परहेज करती थी. अब उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं होगा.’ .

लोगों से की अंग दान की अपील
सामिया ने लोगों से अंग दान करने और दूसरे लोगों की जिंदगी में सुधार लाने का भी आग्रह किया. सामिया की मां शहनाज मंसूरी कहती हैं, ‘इस वक्त मैं दुनिया की सबसे खुश इंसान हूं. हम पिछले पांच सालों से उसके लिए हाथ ढूंढ रहे थे. हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि उसका ऑपरेशन 18 साल की उम्र के बाद ही किया जा सकता है. 10 जनवरी को वह 18 साल की हो गई और ट्रांसप्लांट के लिए उसका रजिस्ट्रेशन कराया गया.’ उन्होंने बताया, ‘6 दिन पहले हमें हाथ की उपलब्धता के बारे में एक कॉल मिली, जिसके बाद सोमवार, 30 जनवरी को उसका ऑपरेशन हुआ.’

वहीं सामिया को नया हाथ देने वाले सर्जन डॉ. नीलेश सतभाई ने कहा, ‘उसके रजिस्ट्रेशन के कुछ दिनों के भीतर हमें एक डोनर मिल गया. पिछले दो वर्षों में उसने बहुत सारी काउंसलिंग की और उसकी आवश्यकता और विश्वास को देखते हुए हमने सर्जरी कराने का फैसला किया.’

Tags: Mumbai News, Organ Donation

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें