उद्धव ठाकरे सरकार पर आठवले का तंज, कहा- तीन पहिये की गाड़ी लंबी दूरी तय नहीं करती

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार कितने दिन चलेगी इसका कोई भरोसा नहीं है
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार कितने दिन चलेगी इसका कोई भरोसा नहीं है
- News18Hindi
- Last Updated: January 2, 2020, 7:59 AM IST
मुंबई. केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के प्रमुख रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार (Uddhav Thackeray Government) पर निशाना साधा है. आठवले ने कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में तीन पहियों वाली सरकार कब तक चलेगी इसका कोई भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग (महा विकास अघाडी) से बनी सरकार कितने दिन चलेगी इसका कोई भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि लंबी दूरी तक चलने के लिए चार पहिए की जरूरत होती है.
यह पहली बार नहीं है जब रामदास आठवले ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार पर निशाना साधा है. अक्टूबर में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद वो कई मौकों पर राज्य में बीजेपी-शिवसेना सरकार बनाने की वकालत करते आए थे, लेकिन उनकी बात का शिवसेना पर कोई असर नहीं पड़ा. 50-50 फॉर्मूला के तहत सरकार गठन करने को लेकर बीजेपी से मतभेद गहराने के बाद शिवसेना ने बीजेपी से तीस साल पुराना अपना संबंध खत्म कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी. उद्धव ठाकरे ने महा विकास अघाडी की इस सरकार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.ये भी पढ़ें- उद्धव मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब मंत्रियों के विभागों को लेकर नहीं बन रही बात
Union Minister Ramdas Athawale: The three parties (Shiv Sena-NCP-Congress) have come together but I don't think the three-wheeler can run long. I think there was requirement of a four-wheeler. #Maharashtra (1.1.20) pic.twitter.com/PGYBRi7NtK
— ANI (@ANI) January 1, 2020
यह पहली बार नहीं है जब रामदास आठवले ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार पर निशाना साधा है. अक्टूबर में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद वो कई मौकों पर राज्य में बीजेपी-शिवसेना सरकार बनाने की वकालत करते आए थे, लेकिन उनकी बात का शिवसेना पर कोई असर नहीं पड़ा. 50-50 फॉर्मूला के तहत सरकार गठन करने को लेकर बीजेपी से मतभेद गहराने के बाद शिवसेना ने बीजेपी से तीस साल पुराना अपना संबंध खत्म कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी. उद्धव ठाकरे ने महा विकास अघाडी की इस सरकार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.ये भी पढ़ें- उद्धव मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब मंत्रियों के विभागों को लेकर नहीं बन रही बात