NCP चीफ शरद पवार के समर्थन में बारामती में लगे होर्डिंग, लिखा- 'हम 80 वर्षीय योद्धा के साथ हैं’
भाषा Updated: November 23, 2019, 11:48 PM IST

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह होर्डिंग निगम अधिकारियों द्वारा इसलिए हटाई गई क्योंकि इसे लगाने के लिए मंजूरी नहीं ली गई थी. (फाइल फोटो)
यह होर्डिंग (Hoarding) महाराष्ट्र (Maharashtra) की बारामती (Baramati) नगर परिषद की इमारत के पास लगाया गया था. होर्डिंग पर यहां से हर गुजरने वाले की नजर जा रही थी, लेकिन कुछ घंटों बाद इसे हटा दिया गया.
- भाषा
- Last Updated: November 23, 2019, 11:48 PM IST
पुणे. भाजपा (BJP) के साथ हाथ मिलाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी/एनसीपी (Nationalist Congress Party/NCP) नेता अजित पवार (Ajit Pawar) द्वारा पार्टी तोड़े जाने के कारण महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी समीकरणों में उलटफेर हो गया. इसी बीच बारामती (Baramati) में शरद पवार (Sharad Pawar) के समर्थन में एक विशाल होर्डिंग लगाई गई है. शरद पवार की तस्वीर के साथ इस होर्डिंग पर संदेश लिखा है, ‘हम 80 वर्षीय योद्धा के साथ हैं’. हालांकि इस होर्डिंग को लगाने के लिए मंजूरी नहीं ली गई थी.
बता दें, अजित पवार ने 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में बारामती से 1.65 लाख मतों के भारी-भरकम अंतर से जीत दर्ज की थी. यह इस चुनाव में किसी भी उम्मीदवार द्वारा दर्ज की गई सबसे बड़ी जीत थी. यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण थी कि भाजपा ने यहां बड़े पैमाने पर प्रचार किया था.
हम इस फैसले का न तो समर्थन करते हैं न ही इसे स्वीकार करते हैं: शरद पवार
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. देवेंद्र फडणवीस ने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में शनिवार सुबह दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बारामती के विधायक अजित पवार के अलग होने के बाद शरद पवार को ट्वीट कर सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन करना अजित पवार का निजी फैसला था और यह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का फैसला नहीं है. हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम इस फैसले का न तो समर्थन करते हैं न ही इसे स्वीकार करते हैं.’कार्यकर्ताओं ने अजित पवार के कदम को विश्वासघात कहा
वहीं, बारामती में कई एनसीपी कार्यकर्ता अजित पवार के इस कदम से नाराज दिखे और उनमें से अधिकतर ने इसे अजित पवार द्वारा किया गया विश्वासघात करार दिया. कुछ समर्थकों ने हालांकि अजित पवार के भाजपा से हाथ मिलाने और उप-मुख्यमंत्री बनने के कदम का समर्थन किया. वहीं सोलापुर में एनसीपी कार्यकर्ताओं ने अजित पवार का पुतला फूंका.
ये भी पढ़ें -
बता दें, अजित पवार ने 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में बारामती से 1.65 लाख मतों के भारी-भरकम अंतर से जीत दर्ज की थी. यह इस चुनाव में किसी भी उम्मीदवार द्वारा दर्ज की गई सबसे बड़ी जीत थी. यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण थी कि भाजपा ने यहां बड़े पैमाने पर प्रचार किया था.
हम इस फैसले का न तो समर्थन करते हैं न ही इसे स्वीकार करते हैं: शरद पवार
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. देवेंद्र फडणवीस ने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में शनिवार सुबह दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बारामती के विधायक अजित पवार के अलग होने के बाद शरद पवार को ट्वीट कर सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन करना अजित पवार का निजी फैसला था और यह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का फैसला नहीं है. हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम इस फैसले का न तो समर्थन करते हैं न ही इसे स्वीकार करते हैं.’कार्यकर्ताओं ने अजित पवार के कदम को विश्वासघात कहा
वहीं, बारामती में कई एनसीपी कार्यकर्ता अजित पवार के इस कदम से नाराज दिखे और उनमें से अधिकतर ने इसे अजित पवार द्वारा किया गया विश्वासघात करार दिया. कुछ समर्थकों ने हालांकि अजित पवार के भाजपा से हाथ मिलाने और उप-मुख्यमंत्री बनने के कदम का समर्थन किया. वहीं सोलापुर में एनसीपी कार्यकर्ताओं ने अजित पवार का पुतला फूंका.
ये भी पढ़ें -
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए Mumbai से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: November 23, 2019, 11:29 PM IST