मुंबई. लंबी दूरी और मुंबई लोकल ट्रेन (Mumbai local train) के महिला डिब्बों के बाद अब रेलवे (railways) तीसरी आंख के जरिए मोटरमैन पर निगरानी रखेगी. इसके लिए रेलवे ने ट्रेनों के लोकोमोटिव यानी इंजन को भी सीसीटीवी (CCTV) कैमरों से लैस करने की शुरुआत कर दी है. इसके तहत रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों के लोकोमोटिव और लोकल ट्रेनों के मोटरमैन केबिन को तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा रहा है. रेलवे द्वारा लोकोमोटिव में लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरों के सीधा कंट्रोल, कंट्रोल रूम में होगा, ताकि यात्रा के दौरान या किसी प्रकार की दुर्घटना होने की स्थिति में मोटरमैन की हर एक्टिविटी पर नजर रखी जा सके.
मध्य रेलवे (Central Railway) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि हमने लंबी दूरी के लोकोमोटिव और लोकल ट्रेनों के मोटरमैन केबिन में सीसीटीवी कैमरे लगाने की शुरुआत भी कर दी है. पहले चरण में एक्सप्रेस और लोकल ट्रेनों के इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को इन कैमरों से लैस किया जा रहा है. ये कैमरे, यात्रा के दौरान मोटरमैन की एक्टिविटी पर नजर रखने और यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की स्थिति में काफी मददगार साबित होंगे.
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मुख्य वजह ट्रेन के ड्राइवरों पर निगरानी रखना
लोकोमोटिव को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने के पीछे की मुख्य वजह ट्रेन के ड्राइवरों पर निगरानी रखना होगा, ताकि ट्रेनों को चलाने के दौरान वह न तो मोबाइल पर बात करें और न तो मोबाइल पर कुछ देख पाएं और उनका ध्यान ट्रेन पर रहे. मध्य रेलवे के आला अधिकारियों के मुताबिक अब तक लंबी दूरी वाली ट्रेनों के 30 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा चुका है और अन्य पर लगाने का काम जारी है. इतना ही नहीं, मुंबई की लाइफलाइन लोकल ट्रेनों के 3 मोटरमैन केबिन में यह कैमरे लगा दिए गए हैं और बाकी में लगाने का काम जारी है. इन कैमरों ने ऑडियो और वीडियो दोनों को रिकॉर्ड करने का सिस्टम है.
ऐसे में हादसे होने के चांस बढ़ जाते हैं
जानकारी के मुताबिक लोकल के मोटरमैन केबिन के सामने की तरफ भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि ट्रेन के पटरियों पर दौड़ने के दौरान होने वाली किसी भी प्रकार की दुर्घटना की जानकारी मिल सके. दरअसल ट्रेनों के चलाने के दौरान मोटरमैनों के फोन पर बात करने या मोबाइल में कुछ और देखने के मामले सामने आती रहीं हैं और ऐसा ऐसे में हादसे होने के चांस बढ़ जाते हैं, जबकि नियम के मुताबिक इस दौरान ट्रेन के ड्राइवर का मोबाइल यात्रा समाप्त होने तक बंद होना चाहिए.
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