महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने सोमवार को बताया कि उसने राज्य की नौ सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं की जांच बंद कर दी है. एजेंसी ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि ये मामले उप मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) से जुड़े हुए नहीं हैं.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने यह सफाई विपक्षी कांग्रेस के इस दावे के बाद दी कि दो दिन पहले सरकार बनाने में भाजपा की मदद करने की वजह से अजित पवार को ‘दोषमुक्त’ कर दिया गया है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी. देवेंद्र फडणवीस ने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में शनिवार सुबह दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.
बारामती के विधायक अजित पवार के अलग होने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को इस मामले में ट्वीट कर सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा था, ‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन करना अजित पवार का निजी फैसला था और यह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का फैसला नहीं है. हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम इस फैसले का न तो समर्थन करते हैं न ही इसे स्वीकार करते हैं.’
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FIRST PUBLISHED : November 25, 2019, 18:11 IST