शिवसेना को भरोसा, मोहन भागवत और गडकरी दो घंटे में बीजेपी को करा सकते हैं तैयार

शिवसेना का कहना है कि बीजेपी इस मामले में शिवसेना के साथ बातचीत के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नियुक्त करें.
शिवसेना (Shiv Sena) ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के विवाद को लेकर आरएसएस प्रमुख (RSS Cheif) मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को दखल देकर विवाद सुलझाने को कहा है. शिवसेना चाहती है कि नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) मध्यस्थता करें.
- News18Hindi
- Last Updated: November 5, 2019, 5:54 PM IST
मुंबई. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के 13 दिन के बाद भी सरकार बनने को लेकर अस्पष्टता बनी हुई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस ने सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की, लेकिन सरकार गठन को लेकर अभी तक कोई संकेत सामने नहीं आया है. इस बीच शिवसेना (Shiv Sena) ने इस पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया है. शिवसेना शिवसेना नेता किशोर तिवारी (Kishore Tiwary) ने इस सिलसिले में आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)को पत्र लिखकर दखल देने की मांग की है. बेहद प्राथमिकता वाले इस पत्र में तिवारी ने संघ प्रमुख से आग्रह किया है कि वे सरकार गठन को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मध्यस्थता कराएं, ताकि बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी विवाद का आम सहमति से हल निकल सके.
नितिन गडकरी दो घंटे में सुलझा सकते हैं मामला
किशोर तिवारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि, 'हमने मांग की है कि बीजेपी इस मामले में शिवसेना के साथ बातचीत के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को नियुक्त करें. हमें भरोसा है कि गडकरी न सिर्फ गठबंधन धर्म का सम्मान करेंगे, बल्कि सिर्फ दो घंटे में मामला सुलझा देंगे.'
पहले 30 महीनों के लिए उद्धव को बना दें सीएम
किशोर तिवारी ने दावा किया कि एक बार गतिरोध टूट गया तो शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को पहले 30 महीनों के लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. इसके बाद बीजेपी जिसे चाहे अगले 30 महीने के लिए अपना मुख्यमंत्री बना सकती है. किशोर तिवारी ने कहा, “बीजेपी और शिवसेना में मौजूदा माहौल देखकर कहा जा सकता है मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस व्यक्तिवादी हैं और उनके काम करने का तरीका अलग है। दूसरी तरफ राजनीतिक तौर पर मंझे हुए नितिन गडकरी को अगर महाराष्ट्र भेजा जाता है तो वे न सिर्फ दोनों दलों का संयुक्त एजेंडा हिंदुत्व और विकास दोनों पर काम करेंगे।”
संजय राउत को झूठा, जोकर और शेखचिल्ली बताया
संघ ने तिवारी के पत्र पर क्या जवाब दिया है, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन संघ ने अपने मुखपत्र तरुण भारत में प्रकाशित एक संपादकीय के जरिये शिवसेना सांसद संजय राउत को जवाब दिया गया है. संपादकीय में उन्हें झूठा और जोकर कहते हुए शेख चिल्ली तक की संज्ञा दी गई है.
गौरतलब है कि तिवारी का पत्र ऐसे समय में सामने आया है जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से और एनसीपी प्रमुख शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर महाराष्ट्र के मामले पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. इसके अलावा शिवसेना नेता संजय राउत राज्यपाल बी एस कोश्यारी से मिलकर राज्य में बने राजनीतिक गतिरोध को खत्म कराने का आग्रह करने वाले हैं.
दूसरी तरफ कांग्रेस और एनसीपी महाराष्ट्र के मामले में काफी सतर्कता बरत रहे हैं. हालात पर गहरी नजर रखते हुए दोनों दल आने वाले समय में अपने पत्ते खोलेंगे. हालांकि कांग्रेस के कुछ खेमों से आवाज़े उठ रही हैं कि कांग्रेस को सरकार के लिए शिवसेना का न समर्थन लेना चाहिए और न ही उसे समर्थन देना चाहिए. ऐसी आवाजों में कांग्रेस नेता संजय निरुपम की आवाज सबसे ज्यादा मुखर हैं. उधर एनसीपी में भी वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाए जाने की सलाह दी जा रही है.
(मुंबई से अमित शुक्ला की रिपोर्ट)
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र का महाभारत: सरकार गठन के मामले में अब गेंद शिवसेना के पाले में
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को नोटिस जारी, इस दिन तक देना होगा जवाब
नितिन गडकरी दो घंटे में सुलझा सकते हैं मामला
किशोर तिवारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि, 'हमने मांग की है कि बीजेपी इस मामले में शिवसेना के साथ बातचीत के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को नियुक्त करें. हमें भरोसा है कि गडकरी न सिर्फ गठबंधन धर्म का सम्मान करेंगे, बल्कि सिर्फ दो घंटे में मामला सुलझा देंगे.'

शिवसेना को भरोसा है कि गडकरी न सिर्फ गठबंधन धर्म का सम्मान करेंगे, बल्कि सिर्फ दो घंटे में मामला सुलझा देंगे.
किशोर तिवारी ने दावा किया कि एक बार गतिरोध टूट गया तो शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को पहले 30 महीनों के लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. इसके बाद बीजेपी जिसे चाहे अगले 30 महीने के लिए अपना मुख्यमंत्री बना सकती है. किशोर तिवारी ने कहा, “बीजेपी और शिवसेना में मौजूदा माहौल देखकर कहा जा सकता है मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस व्यक्तिवादी हैं और उनके काम करने का तरीका अलग है। दूसरी तरफ राजनीतिक तौर पर मंझे हुए नितिन गडकरी को अगर महाराष्ट्र भेजा जाता है तो वे न सिर्फ दोनों दलों का संयुक्त एजेंडा हिंदुत्व और विकास दोनों पर काम करेंगे।”
संजय राउत को झूठा, जोकर और शेखचिल्ली बताया
संघ ने तिवारी के पत्र पर क्या जवाब दिया है, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन संघ ने अपने मुखपत्र तरुण भारत में प्रकाशित एक संपादकीय के जरिये शिवसेना सांसद संजय राउत को जवाब दिया गया है. संपादकीय में उन्हें झूठा और जोकर कहते हुए शेख चिल्ली तक की संज्ञा दी गई है.
गौरतलब है कि तिवारी का पत्र ऐसे समय में सामने आया है जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से और एनसीपी प्रमुख शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर महाराष्ट्र के मामले पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. इसके अलावा शिवसेना नेता संजय राउत राज्यपाल बी एस कोश्यारी से मिलकर राज्य में बने राजनीतिक गतिरोध को खत्म कराने का आग्रह करने वाले हैं.
दूसरी तरफ कांग्रेस और एनसीपी महाराष्ट्र के मामले में काफी सतर्कता बरत रहे हैं. हालात पर गहरी नजर रखते हुए दोनों दल आने वाले समय में अपने पत्ते खोलेंगे. हालांकि कांग्रेस के कुछ खेमों से आवाज़े उठ रही हैं कि कांग्रेस को सरकार के लिए शिवसेना का न समर्थन लेना चाहिए और न ही उसे समर्थन देना चाहिए. ऐसी आवाजों में कांग्रेस नेता संजय निरुपम की आवाज सबसे ज्यादा मुखर हैं. उधर एनसीपी में भी वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाए जाने की सलाह दी जा रही है.
(मुंबई से अमित शुक्ला की रिपोर्ट)
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