जिंदगी से जा रहा हूं..., क्रेडिट कार्ड का बिल से परेशान युवक ने उठाया खौफनाक कदम

मुंबई पुलिस ने समय रहते युवक को आत्महत्या करने से बचा लिया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की जांच में पता चला है कि युवक पर (Credit Card) के रिकवरी एजेंट (Recovery Agent) दवाब बना रहे थे और तरह तरह की धमकी दे रहे थे.
- News18Hindi
- Last Updated: December 13, 2020, 12:33 PM IST
मुंबई. क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का बिल किस तरह से लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुंबई (Mumbai) के एक शख्स ने पेरशान होकर आत्महत्या (Suicide Attempt) करने की कोशिश की. हालांकि समय रहते पुलिस ने उसे बचा लिया. पुलिस की जांच में पता चला है कि युवक पर रिकवरी एजेंट दवाब बना रहे थे और तरह तरह की धमकी दे रहे थे.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शंकर मोहन (परिवर्तित नाम) मुंबई के मुलुंड में रहते हैं. उनकी पत्नी नर्स हैं. लॉकडाउन के दौरा शंकर ने क्रेडिट कार्ड से अपने घर की जरूरतें पूरी की थीं लेकिन बाद में वह क्रेडिट कार्ड का 80 हजार रुपये का बिल चुकाने में असमर्थ हो गए. शंकर ने बताया कि क्रेडिट कार्ड कंपनी के रिकवरी एजेंट हर दिन उन्हें फोन कर धमकी देते थे और बिल का भुगतान करने का दवाब बनाते थे. एजेंटों की धमकियों से तंग आकर राजीव ने मौत को गले लगाने की ठान ली.
शंकर ने रोज रोज की जिल्लत से तंग आकर तलाब में कूदकर जान देने की कोशिश की. पुलिस ने बताया कि शंकर ने आत्महत्या करने से पहले अपनी पत्नी को एक मैसेज किया था. इस मैसेज में लिखा था 'जिंदगी से जा रहा हूं, माफ कर देना'.
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पत्नी ने जैसे ही ये मैसेज देखा आनन-फानन में मैसेज सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. इस मैसेज को एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने पढ़ लिया. अधिकारी ने मैसेज एक समाजसेवी को भेजा और उसने जोन-7 के डीसीपी प्रशांत कदम को भेजा. डीजीपी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और शंकर को आत्महत्या करने से पहले ही रोक लिया गया.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शंकर मोहन (परिवर्तित नाम) मुंबई के मुलुंड में रहते हैं. उनकी पत्नी नर्स हैं. लॉकडाउन के दौरा शंकर ने क्रेडिट कार्ड से अपने घर की जरूरतें पूरी की थीं लेकिन बाद में वह क्रेडिट कार्ड का 80 हजार रुपये का बिल चुकाने में असमर्थ हो गए. शंकर ने बताया कि क्रेडिट कार्ड कंपनी के रिकवरी एजेंट हर दिन उन्हें फोन कर धमकी देते थे और बिल का भुगतान करने का दवाब बनाते थे. एजेंटों की धमकियों से तंग आकर राजीव ने मौत को गले लगाने की ठान ली.
शंकर ने रोज रोज की जिल्लत से तंग आकर तलाब में कूदकर जान देने की कोशिश की. पुलिस ने बताया कि शंकर ने आत्महत्या करने से पहले अपनी पत्नी को एक मैसेज किया था. इस मैसेज में लिखा था 'जिंदगी से जा रहा हूं, माफ कर देना'.
पत्नी ने जैसे ही ये मैसेज देखा आनन-फानन में मैसेज सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. इस मैसेज को एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने पढ़ लिया. अधिकारी ने मैसेज एक समाजसेवी को भेजा और उसने जोन-7 के डीसीपी प्रशांत कदम को भेजा. डीजीपी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और शंकर को आत्महत्या करने से पहले ही रोक लिया गया.