महाराष्ट्र में 7,000 से ज्यादा रेज़िडेंट डॉक्टर विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. (फोटो-@autopsy_surgeon)
मुंबई: महाराष्ट्र के सरकारी कॉलेजों के सात हज़ार से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर सोमवार को हड़ताल पर चले गए. उनकी मांगों में छात्रावासों की गुणवत्ता में सुधार करना और सहायक तथा एसोसिएट प्रोफेसर के रिक्त पदों को भरना शामिल है. महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान न देकर आपातकालीन सेवाओं को बंद करने पर विचार करने के लिए उन्हें मजबूर कर रही है जब कोरोना वायरस के स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ के नए उपस्वरूप को लेकर आशंकाएं हैं. पत्रकारों से बात करते हुए, राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि उन्होंने रेज़िडेंट डॉक्टरों से वार्ता करने को कहा है और उनसे मामले को नहीं खींचने का आग्रह किया है.
एमएआरडी ने हड़ताल का आह्वान किया है. उसका दावा है कि सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थी छात्रावासों की खराब गुणवत्ता के कारण परेशानी का सामना कर रहे हैं. रेज़िडेंट डॉक्टरों ने 1,432 वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती और एसोसिएट और सहायक प्रोफेसर के खाली पदों को भरने की मांग की है. एमएआरडी ने कहा कि अगर उनकी मांगें मान ली जाती हैं तो इससे राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को काफी फायदा होगा. मुंबई में राज्य सरकार के सबसे बड़े सर जेजे अस्पताल की डीन दिपाली सापले ने कहा कि हड़ताल का अबतक कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा कि रेज़िडेंट डॉक्टरों ने अपनी आपात, प्रसूति वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, गहन चिकित्सा इकाई संबंधी सेवाओं को कम नहीं किया है.
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It is hereby notified to all that a strike has been called across Maharashtra from January 2, 2023, the form of which is before you. It has been informed through the letter. However, from 08:00 this morning, the resident doctors in the state government and pic.twitter.com/QHTME9gdBg
— यमराज (@autopsy_surgeon) January 2, 2023
मंत्री महाजन ने कहा कि हड़ताली डॉक्टरों की आधी मांगों को तुरंत मंजूर किया जा रहा है और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को मरम्मत कार्यों के लिए 12 करोड़ रुपये दिए गए हैं. महाजन ने कहा, ‘हम हर चीज़ को लेकर सकारात्मक हैं. उन्हें (डॉक्टरों को) हड़ताल पर जाने से पहले हमसे बात करनी चाहिए थी.’ एमएआरडी के अध्यक्ष अविनाश दहिफले ने पीटीआई-भाषा से कहा कि एसोसिएशन को बातचीत के लिए राज्य सरकार से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. सरकारी और नगर निकाय के अस्पतालों में रेज़िडेंट डॉक्टरों की अहम भूमिका रहती है.
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Tags: Junior Doctor Strike, Maharashtra News
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