मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में सीएम की कुर्सी के लिए चल रहे विवाद के बीच शिवसेना नेता (ShivSena Leader) संजय राउत (Sanjay Raut) ने NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की है. मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा कि वो शरद पवार को दीपावली की शुभकामनाएं देने गए थे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम दोनों ने महाराष्ट्र की राजनीति पर भी चर्चा की है.
इससे पहले गुरुवार को ही महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं ने भी शरद पवार से मुलाकात की थी. सूत्रों के मुताबिक पवार के आवास पहुंचने वालों में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण एवं पृथ्वीराज चव्हाण शामिल थे.
79 वर्षीय पवार ने विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया. सूत्रों का कहना है कि बैठक वर्तमान राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर गठबंधन साझेदारों (NCP और कांग्रेस) की रणनीति पर चर्चा करने के लिए थी. हालांकि थोराट ने मीडिया से कहा कि नेताओं ने वापस जाते मानसूनी वर्षा से राज्य के विभिन्न हिस्सों में फसलों को हुए नुकसान पर चर्चा की.
बीजेपी-शिवसेना में खींचतान जारी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन राज्य में सरकार गठन की दिशा में अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है. वहां सत्तारूढ़ भाजपा तथा शिवसेना के बीच सत्ता साझेदारी को लेकर गतिरोध बना हुआ है. शिवसेना ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर संकेत दिया कि उसने मुख्यमंत्री पद के लिये अपने दावे को छोड़ा नहीं है. पार्टी ने कहा कि सत्ता की समान साझेदारी का मतलब शीर्ष पद की साझेदारी भी है.
शिवसेना ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए भाजपा पर 'इस्तेमाल करने और छोड़ने' की नीति अपनाने का आरोप लगाया. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा गया है कि लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन बनाते समय दोनों दलों के बीच जो भी तय हुआ, उसे लागू किया जाना चाहिए. शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने इन खबरों को अफवाह करार दिया कि उनकी पार्टी ने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी भाजपा के साथ सत्ता साझेदारी के मुद्दे पर अपना रुख नरम कर लिया है.
राउत ने ट्वीट किया, 'ये खबरें अफवाह हैं कि शिवसेना ने अपने रुख को नरम कर लिया है, पदों के समान वितरण पर समझौता कर लिया है.' उन्होंने कहा, 'जनता सब जानती है. भाजपा और शिवसेना के बीच जो तय हुआ था, वह होगा.'
शिंदे चुने गए विधायक दल के नेता
महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे को बृहस्पतिवार को विधानसभा में शिवसेना का नेता चुन लिया गया. पार्टी नेता आदित्य ठाकरे ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा. पहले खुद आदित्य का नाम इस पद के लिए चर्चा में था. दादर स्थित शिवसेना मुख्यालय में नव निर्वाचित विधायकों की बैठक में शिंदे के नाम की घोषणा की गयी. शिवसेना के सूत्रों ने कहा कि आदित्य के पिता और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अपने पुत्र को शिवसेना विधायक दल का नेता बनाने के पक्ष में नहीं थे.

एकनाथ शिंदे चुने गए विधायक दल के नेता
आदित्य ठाकरे ने गुरुवार शाम को शिवसेना नेताओं और विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर राज्य में बेमौसम बारिश के कारण बने हालात के बाद 'वेट ड्रॉट' घोषित करने की मांग की. उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर भारी बारिश से प्रभावित किसानों तथा मछुआरों को हरसंभव मदद देने की मांग की.
महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी के सवाल पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी ने इस मामले में शिवसेना अध्यक्ष और उनके पिता उद्धव ठाकरे को सारे अधिकार दिये हैं. राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल थे. शिवसेना ने विधानसभा चुनाव में 56 सीटें जीती हैं जबकि भाजपा ने 105 सीटें जीती हैं. उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने दावा किया है कि सात निर्दलीय विधायक उसका समर्थन कर रहे हैं.
कांग्रेस ने भी की बैठक
कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां पार्टी मुख्यालय में महाराष्ट्र में नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों की बैठक में भाग लिया. बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोराट और पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण तथा सुशील कुमार शिंदे उपस्थित थे. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायक अपने विधायक दल के नेता का चुनाव अगले चार से पांच दिन में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में कर सकते हैं.
राकांपा के मुंबई स्थित कार्यालय के बाहर एक बड़ा बैनर लगाया गया है जिसमें लिखा है, 'महाराष्ट्र का इतिहास दिखाता है कि वह कभी दिल्ली के सिंहासन के आगे नहीं झुका.' इस बीच एक रोचक खबर सामने आई कि शिवसेना के नियंत्रण वाले बृहन्मुंबई नगर निगम के कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार शाम को बांद्रा में ठाकरे परिवार के आवास मातोश्री के बाहर से होर्डिंग हटा लिये जिनमें लिखा था, 'महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में केवल आदित्य ठाकरे.'
सभी विधायकों के साथ गवर्नर से मिले आदित्य
गौरतलब है कि गुरुवार शाम आदित्य ठाकरे पार्टी के सभी विधायकों के साथ गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिले. आदित्य ठाकरे के साथ पार्टी विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे और सीनियर पार्टी लीडर रामदास कदम भी थे. हालांकि राज्यपाल से मुलाक़ात के बाद आदित्य ने स्पष्ट कर दिया कि ये मुलाक़ात सरकार बनाने के लिए नहीं थी और सरकार बनाने से जुड़ा कोई भी फैसला उद्धव ठाकरे ही करेंगे.

आदित्य ठाकरे ने सभी विधायकों के साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात की
इस मुलाक़ात के बाद शिवसेना विधायकों ने मीडिया से कहा कि वे सिर्फ किसानों के मुद्दे को लेकर बात करने के लिए राज्यपाल से मुलाक़ात करने आए हैं. शिवसेना विधायक दल ने किसानों के मुद्दों और राज्य में सूखे की स्थिति को लेकर राज्यपाल को एक पत्र भी सौंपा. इससे पहले शिवसेना के विधायक और ठाकरे परिवार के करीबी संजय राठौड़ ने कहा था कि हम राज्यपाल के साथ सरकार बनाने पर भी चर्चा कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें:
मुंबई, कोलकाता, सूरत और कितने शहरों को डूबता देखेगी ये जनरेशन?
शिवसेना के मुखपत्र ने कहा: 'USE AND THROW' की नीति अपना रही है BJPब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Aditya thackeray, BJP, NCP, Sharad pawar, Shiv sena, Uddhav thackeray
FIRST PUBLISHED : October 31, 2019, 21:08 IST