मॉब लिंचिंग पर बोले शरद पवार- 'पहले कभी सुनाई नहीं देती थी ऐसी घटना'

मॉब लिंचिंग को लेकर शरद पवार ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
'अगर देश को विकास के पथ पर आगे ले जाना है, तो भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव की भावना अनिवार्य है'. उन्होंने आरोप लगाया, 'समाज के कुछ वर्गों को निशाना बनाया जा रहा है. लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है'.
- News18Hindi
- Last Updated: September 14, 2019, 9:36 PM IST
मुंबई. एनसीपी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग/Mob Lynching) के मुद्दे पर शनिवार को कहा कि पहले इस तरह की घटना सुनाई नहीं देती थी लेकिन अब ऐसी घटनाएं अक्सर होती हैं. पवार ने मुंबई में पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव विकास के लिए जरूरी है लेकिन देश के वर्तमान शासक ऐसा नहीं सोचते हैं.
एनसीपी द्वारा जारी एक बयान में उनके हवाले से कहा गया है, 'अगर देश को विकास के पथ पर आगे ले जाना है, तो भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव की भावना अनिवार्य है'. उन्होंने आरोप लगाया, 'समाज के कुछ वर्गों को निशाना बनाया जा रहा है. लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है'.
शरद पवार ने मौजूद लोगों से पूछा क्या पहले कभी 'मॉब लिंचिंग' शब्द को सुना गया था. ‘लेकिन अब इस शब्द को हम अक्सर सुन सकते हैं'. एनसीपी प्रमुख ने अपने उस विचार को दोहराया कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने से पहले राज्य के लोगों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था.
शरद पवार ने आगे कहा कि पाकिस्तान में आम लोग भारत के साथ युद्ध नहीं चाहते हैं. पवार ने कहा, 'हम भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान ले गये थे (जब उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का नेतृत्व किया था), जहां टीम को भरपूर प्यार मिला था. लेकिन आज हमारे देश में एक अलग तरह का माहौल बन गया है'.ये भी पढ़ें:
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एनसीपी द्वारा जारी एक बयान में उनके हवाले से कहा गया है, 'अगर देश को विकास के पथ पर आगे ले जाना है, तो भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव की भावना अनिवार्य है'. उन्होंने आरोप लगाया, 'समाज के कुछ वर्गों को निशाना बनाया जा रहा है. लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है'.
शरद पवार ने मौजूद लोगों से पूछा क्या पहले कभी 'मॉब लिंचिंग' शब्द को सुना गया था. ‘लेकिन अब इस शब्द को हम अक्सर सुन सकते हैं'. एनसीपी प्रमुख ने अपने उस विचार को दोहराया कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने से पहले राज्य के लोगों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था.
शरद पवार ने आगे कहा कि पाकिस्तान में आम लोग भारत के साथ युद्ध नहीं चाहते हैं. पवार ने कहा, 'हम भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान ले गये थे (जब उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का नेतृत्व किया था), जहां टीम को भरपूर प्यार मिला था. लेकिन आज हमारे देश में एक अलग तरह का माहौल बन गया है'.ये भी पढ़ें:
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