कोरोना का एक और रूप आया सामने, अब रीढ़ की हड्डी में फैला रहा इंफेक्शन

कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है. (Pic- AP)
Coronavirus: मुंबई के अस्पताल में भर्ती किए गए इन मरीजों की रीढ़ की हड्डी में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इंफेक्शन सामने आया है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 29, 2020, 12:02 PM IST
नई दिल्ली. देश-दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर बरकरार है. अब ब्रिटेन में पाए गए कोरोना के नए रूप से भी कई देशों में हड़कंप मचा हुआ है. भारत में भी इसके कुछ मामलों की पुष्टि हो चुकी है. वहीं मुंबई (Mumbai) में डॉक्टरों को कोरोना वायरस (Covid 19) से ठीक हो चुके बुजुर्ग लोगों में एक अलग परेशानी दिख रही है. उनके मुताबिक मुंबई के अस्पताल में भर्ती किए गए इन मरीजों की रीढ़ की हड्डी में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इंफेक्शन सामने आया है.
मुंबई के जुहू में स्थित नानावती अस्पताल में कोरोना वायरस को मात देने वाले 6 बुजुर्ग लोगों को वायरल बुखार की शिकायत पर भर्ती कराया गया था. इस दौरान उनकी रीढ़ की हड्डी में इंफेक्शन भी पाया गया. चार हफ्ते तक उनका इलाज किया गया. अस्पताल के स्पाइन सर्जन डॉ. मिहिर बापट के अनुसार उन मरीजों का अस्पताल में कोविड 19 का कुछ हफ्तों तक इलाज चला. उन मरीजों में संक्रमण काफी था. उन्हें इस दौरान रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन कराना पड़ा. साथ ही एंटीबायोटिक भी दी गईं. उन्हें अब ठीक होने में करीब 3 महीने लगेंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वसई के रहने वाले 68 साल के रीनोल्ड सिरवेल सितंबर से अस्पताल में कोरोना के कारण भर्ती थे. उनका अब तक का बिल 15 लाख रुपये से अधिक आया. वह चार बार भर्ती हुए, एक बार उनकी रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन किया गया. एक नर्स दिन में तीन बार उन्हें एंटीबॉयोटिक देने के लिए घर जाती है. एंटीबायोटिक का रोजाना खर्च 7000 हजार रुपये है.
रीनोल्ड के बेटे विनीत का कहना है कि उनके पिता कभी बीमार नहीं पड़ते थे. कोरोना संक्रमण होने से पहले वह रोजाना 10 किमी पैदल तक चलते थे. वह 10 दिन के लिए अस्पताल में भर्ती हुए वहां उन्हें इलाज के दौरान रेमडेसिविर दी गई. घर लौटने के कुछ दिनों बाद ही उन्हें रीढ़ की हड्डी में दर्द रहने लगा. दो महीने तक वह डॉक्टर के पास जाते रहे. उनका स्पाइन ट्यूबरकुलोसिस का इलाज चल रहा है.
मुंबई के जुहू में स्थित नानावती अस्पताल में कोरोना वायरस को मात देने वाले 6 बुजुर्ग लोगों को वायरल बुखार की शिकायत पर भर्ती कराया गया था. इस दौरान उनकी रीढ़ की हड्डी में इंफेक्शन भी पाया गया. चार हफ्ते तक उनका इलाज किया गया. अस्पताल के स्पाइन सर्जन डॉ. मिहिर बापट के अनुसार उन मरीजों का अस्पताल में कोविड 19 का कुछ हफ्तों तक इलाज चला. उन मरीजों में संक्रमण काफी था. उन्हें इस दौरान रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन कराना पड़ा. साथ ही एंटीबायोटिक भी दी गईं. उन्हें अब ठीक होने में करीब 3 महीने लगेंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वसई के रहने वाले 68 साल के रीनोल्ड सिरवेल सितंबर से अस्पताल में कोरोना के कारण भर्ती थे. उनका अब तक का बिल 15 लाख रुपये से अधिक आया. वह चार बार भर्ती हुए, एक बार उनकी रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन किया गया. एक नर्स दिन में तीन बार उन्हें एंटीबॉयोटिक देने के लिए घर जाती है. एंटीबायोटिक का रोजाना खर्च 7000 हजार रुपये है.
रीनोल्ड के बेटे विनीत का कहना है कि उनके पिता कभी बीमार नहीं पड़ते थे. कोरोना संक्रमण होने से पहले वह रोजाना 10 किमी पैदल तक चलते थे. वह 10 दिन के लिए अस्पताल में भर्ती हुए वहां उन्हें इलाज के दौरान रेमडेसिविर दी गई. घर लौटने के कुछ दिनों बाद ही उन्हें रीढ़ की हड्डी में दर्द रहने लगा. दो महीने तक वह डॉक्टर के पास जाते रहे. उनका स्पाइन ट्यूबरकुलोसिस का इलाज चल रहा है.