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राजनेता किसी भी देश की सबसे बड़ी संपत्ति होते हैंः रवि सिनोदिया

किसी भी देश के विकास में राजनेताओं का बड़ा बलिदान होता है.

किसी भी देश के विकास में राजनेताओं का बड़ा बलिदान होता है.

किसी भी देश की प्रगति और विकास के लिए राजनेता बड़ा काम करते हैं, वे समाज के हर पहलू को समझ विकास और लोगों के लिए काम कर ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. राजनेता किसी देश की सबसे बड़ी संपत्ति होते हैं. वे देश की प्रगति के लिए आवश्यक होते हैं. एक राज्य अपने दम पर नहीं चल सकता है, उसे प्रशासकों की जरूरत है. ऐसे लोग जो संसाधनों को लैस करने और देश के पहियों को नियंत्रित करने के लिए फिट और नैतिक रूप से सही हों. राजनेता इस पहलू में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हाल ही में आत्मनिरीक्षण से, राजनेताओं को बेईमान या भ्रष्ट होने के लिए बहुत आलोचना मिल रही है. हालांकि, इन बाहरी लोगों में वे खो गए हैं जो वास्तव में समाज की भलाई और सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम करते हैं.

    वे लोगों को प्रभावित करते हैं और प्रेरित करते हैं. वे राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपना समय और स्वास्थ्य बलिदान करते हैं और यहां तक ​​कि परोपकारी कार्यों के प्रति अधिक खुला दृष्टिकोण अपनाने के लिए मजदूरी छोड़ने की सीमा तक जाते हैं. ऐसा ही एक नाम है रवि सिनोदिया का. रवि एक मेहनती राजनेता का सही उदाहरण हैं जो समाज की भलाई के लिए काम करते हैं. रवि जन्म किशनगढ़ शहर में हुआ और छोटी उम्र से ही इनकी राजनीति में गहरी दिलचस्पी रही है. आरके संस्था से डिग्री ली. कॉलेज के समय से ही ये छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहे और अपना पहला चुनाव भी वहीं से लड़ा. इन्होनें एनएसयूआई के टिकट पर चुनाव जीता और एमडीएस विश्वविद्यालय के पहले एनएसयूआई पूर्व नेता बने.

    रवि सिनोदिया 2021 में वापस पंचायत समिति में कांग्रेस प्रतिनिधि के रूप में चुने गए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सक्रिय कार्यकर्ता होने के लिए प्रशंसा प्राप्त की. वर्तमान में, वह महात्मा-गांधी जीवन दर्शन समिति के सह-समन्वयक के रूप में महान संस्थागत महत्व के पद पर हैं. वह विभिन्न पदों पर भी रहे हैं जैसे कि एनएसयूआई के पूर्व नेता (भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ), पंचायत समिति सदस्य करकेडी, यूथ कांग्रेस नेता, चुनाव पर्यवेक्षक, सहारा विधानसभा उपचुनाव.

    रवि कहते हैं कि वे नापसंद करते हैं कि लोग अपनी राजनीतिक विचारधाराओं को पाने के लिए बदलते हैं. उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों और राजनेताओं के खिलाफ आंदोलन करने की बात भी कही है. वे एक ईमानदार राजनेता की छवि बनाना चाहते हैं. उनका मानना है कि लोगों की शक्ति किसी से भी तुलना में ज्यादा होती है.

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