मुंबई 26/11 हमले के विरोध में संयुक्त राज्य अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में शनिवार को लोगों ने पाकिस्तानी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. (ANI Photo)
वाशिंगटन: मुंबई 26/11 हमले के विरोध में संयुक्त राज्य अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में शनिवार को लोगों ने पाकिस्तानी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए. मुंबई में वर्ष 2008 में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले (26/11 Mumbai Attack) को कल 14 साल पूरे हो गए. हालांकि उस कायरतापूर्ण हमले की दर्दनाक यादें देश के हर नागरिक के दिलो दिमाग में आज भी ताजा हैं. मुंबई में साल 2008 में 26 नवंबर के दिन ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, नरीमन हाउस, सीएसएमटी रेलवे स्टेशन, कामा हॉस्पिटल, लियोपोल्ड कैफे समेत कुल 12 जगहों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने हमला किया था.
United States | A protest was held outside Pakistan Embassy in Washington DC against the 26/11 #MumbaiTerrorAttack pic.twitter.com/1u8ZufuqhT
— ANI (@ANI) November 27, 2022
इस आतंकी हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए थे.
पाकिस्तान के कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने शहर में 4 दिन तक कोहराम मचाए रखा. मुंबई पुलिस, भारतीय सेना, मरीन कमांडो और एनएसजी ने लंबी मुठभेड़ के बाद इनमें से 9 आतंकियों को ढेर कर दिया. यह एंटी टेरर आपरेशन 26 नवंबर से 29 नवंबर तक चला. सबसे आखिरी में ताज होटल को आतंकियों से मुक्त कराया गया, जिसमें मेजर संदीप उन्नीकृष्णन को अपनी शहादत देनी पड़ी. अजमल आमिर कसाब जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 4 साल के कोर्ट ट्रायल के बाद दोषी करार दिया गया और उसे 21 नवंबर, 2012 को फांसी दी गई.
इस हमले के मुख्य साजिशकर्ता साजिद मीर, हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी आज भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं. साजिद मीर और हाफिज सईद भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से हैं. इस बात के पुख्ता सुबूत सामने आ चुके हैं कि ये दोनों ही मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता थे. इसके बाद भी बीते सितंबर में चीन ने साजिद मीर को ब्लैक लिस्ट करने के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के अंतर्गत साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित कर उसे प्रतिबंधित करने की कवायद चीन की वजह से आगे नहीं बढ़ पाई. अमेरिकी एजेंसी एफबीआई पहले ही साजिद मीर को मोस्ट वांटेड आतंकी घोषित कर चुकी है और उसके सिर पर 50 लाख डालर का इनाम घोषित कर रखा है.
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अमेरिका ने हाफिज सईद के सिर पर भी 10 लाख डालर का इनाम घोषित कर रखा है. गत अक्टूबर में मुंबई के ताज होटल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों की एक बैठक हुई थी, जिसे 14 साल पहले आतंकियों ने निशाना बनाया था. इस बैठक में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा परिषद की नाकामी को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बड़े सधे हुए शब्दों में सामने रखा था. जयशंकर ने बैठक के दौरान कहा था कि मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं को अब भी पड़ोसी देश में संरक्षण प्राप्त है और उन्हें दंडित नहीं किया गया है. जयशंकर ने बैठक में मौजूद सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को आईना दिखाते हुए कहा था कि आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के कुछ मामलों में राजनीतिक कारणों की वजह से कार्रवाई नहीं हो सकी. उन्होंने साफ तौर पर चीन की कारगुजारियों के संदर्भ में यह बात कही थी.
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