शिवसेना नेता ने अज़ान से की महाआरती की तुलना, BJP ने पूछा- अचानक इतना प्यार कैसे?

प्रतीकात्मक फोटो
शिवसेना (Shivsena) के दक्षिण मुंबई विभाग प्रमुख पांडुरंग सपकाल (Pandurang sapkal) ने अज़ान (Adhan) की खासियत का बखान करते हुए भगवद् गीता पाठ प्रतिस्पर्धा की तर्ज पर अज़ान कॉम्पिटिशन कराने की बात कही है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 2, 2020, 8:55 PM IST
मुंबई. महाराष्ट्र में धर्म को लेकर एक बार फिर से राजनीति शुरू हो गई है. अज़ान को लेकर सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच सोमवार को एकबार फिर तकरार हो गई. दरअसल, शिवसेना नेता पांडुरंग सकपाल ने अज़ान की तुलना महा-आरती से की है. शिवसेना के दक्षिण मुंबई विभाग प्रमुख पांडुरंग सपकाल ने कहा कि अजान (Adhan) सिर्फ 5 मिनट की होती है और यह महा-आरती (Maha-Aarti) जितनी ही महत्वपूर्ण है, जो शांति और प्रेम का प्रतीक है. शिवसेना की सहयोगी पार्टी ने भी इस बयान का समर्थन किया. वहीं, बीजेपी नेता अतुल भतकलकर ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा है कि बालासाहब ठाकरे की जिस पार्टी को सड़क पर नमाज पढ़े जाने पर ऐतराज था, उसे अज़ान से ऐसा प्रेम कैसे हो गया.
मीडिया से बातचीत में सपकाल ने अज़ान की खासियत का बखान करते हुए भगवद् गीता पाठ प्रतिस्पर्धा की तर्ज पर अज़ान कॉम्पिटिशन कराने की बात कही है. उन्होंने कहा, 'मैंने मुस्लिम बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए मुंबई के एक एनजीओ -माई फाउंडेशन- को अज़ान कॉम्पिटिशन कराने पर विचार करने का सुझाव दिया है.'
महाराष्ट्र में 6 सीटों पर विधान परिषद चुनाव, मुख्यमंत्री और बीजेपी के लिए सम्मान की लड़ाईउन्होंने कहा, 'मैं मरीन लाइन पर बड़ा कब्रिस्तान के पास रहता हूं.. रोज अजान सुनता हूं.. यह बड़ा ही अद्भुत और मनमोहक होता है. जो भी एकबार सुनता है, दूसरी बार के लिए उत्सुकता से इंतजार करता है. इसी से अजान प्रतिस्पर्धा का विचार आया.'
महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दल एनसीपी और कांग्रेस ने पांडुरंग सपकाल की बातों का समर्थन किया है. एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि भगवद् गीता के लिए तो ऐसी प्रतिस्पर्धा महाराष्ट्र में कई जगहों पर पहले से होती रही है. उसमें मुस्लिम लड़कियां भी पुरस्कार जीतती रही हैं. फिर अजान की प्रतिस्पर्धा में क्या गलत है?
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वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सांवत ने भी कहा है कि जिनके दिलों में नफरत है, वे कभी भी इंसान और भगवान के बीच संवाद को समझ नहीं सकते. यह एक अच्छी पहल है तथा इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
मीडिया से बातचीत में सपकाल ने अज़ान की खासियत का बखान करते हुए भगवद् गीता पाठ प्रतिस्पर्धा की तर्ज पर अज़ान कॉम्पिटिशन कराने की बात कही है. उन्होंने कहा, 'मैंने मुस्लिम बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए मुंबई के एक एनजीओ -माई फाउंडेशन- को अज़ान कॉम्पिटिशन कराने पर विचार करने का सुझाव दिया है.'
महाराष्ट्र में 6 सीटों पर विधान परिषद चुनाव, मुख्यमंत्री और बीजेपी के लिए सम्मान की लड़ाईउन्होंने कहा, 'मैं मरीन लाइन पर बड़ा कब्रिस्तान के पास रहता हूं.. रोज अजान सुनता हूं.. यह बड़ा ही अद्भुत और मनमोहक होता है. जो भी एकबार सुनता है, दूसरी बार के लिए उत्सुकता से इंतजार करता है. इसी से अजान प्रतिस्पर्धा का विचार आया.'
महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दल एनसीपी और कांग्रेस ने पांडुरंग सपकाल की बातों का समर्थन किया है. एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि भगवद् गीता के लिए तो ऐसी प्रतिस्पर्धा महाराष्ट्र में कई जगहों पर पहले से होती रही है. उसमें मुस्लिम लड़कियां भी पुरस्कार जीतती रही हैं. फिर अजान की प्रतिस्पर्धा में क्या गलत है?
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वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सांवत ने भी कहा है कि जिनके दिलों में नफरत है, वे कभी भी इंसान और भगवान के बीच संवाद को समझ नहीं सकते. यह एक अच्छी पहल है तथा इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.