चेन्नई. मद्रास विश्वविद्यालय (university) ने कम से कम 117 ‘फर्जी’ छात्रों का भंडाफोड़ किया है जिन्होंने अवैध रूप से डिग्री हासिल करने की कोशिश की थी. इन सभी छात्रों ने किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश के बिना ही परीक्षा दी थी. इस मामले की जांच की जा रही है और इसमें फर्जी छात्रों की संख्या बढ़ने की आशंका है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि गहराई से छानबीन होगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जानकारी में बताया गया है कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी के कारण अन्य सभी शैक्षणिक संस्थानों की तरह मद्रास विश्वविद्यालय में ऑनलाइन सेमेस्टर परीक्षाएं आयोजित की गईं थीं. इसमें वे भी शामिल हुए जो दूरस्थ शिक्षा से संबंद्ध थे. इन्हें विशेष अनुमति दी गई थी. यह घोटाला तब सामने आया जब पिछले दिसंबर में परीक्षा में बैठने वाले और पास करने वाले कुछ छात्रों ने डिग्री प्रमाणपत्र जारी करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से संपर्क किया. इसको लेकर कर्मचारी ने कुछ लोगों के दस्तावेजों की जांच की थी.
ये भी पढ़ें : Delhi के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जताई आशंका, Omicron के आ सकते हैं एक लाख तक मरीज…
ये भी पढ़ें : तमिलनाडु: ओमिक्रॉन के 33 नए मामले, 2 बच्चों को छोड़, सभी को लगे थे दोनों टीके
वास्तविक उम्मीदवारों जैसे ही दिए थे सीरियल नंबर
इसमें साफ हुआ है कि कुछ जालसाजों ने इन छात्रों के आवेदन अपलोड कर दिए थे, जिनमें फर्जी कोर्स कम्प्लीशन सर्टीफिकेट लगाए थे. छात्रों ने परीक्षा शुल्क का भुगतान किया और उन्हें सीरियल नंबर दिए गए जो हर बैच के वास्तविक उम्मीदवारों जैसे थे. इसके बाद यूएनओएम ने पाया कि जिन लोगों ने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से किसी भी पाठ्यक्रम में दाखिला नहीं लिया, डिग्री के लिए भुगतान भी नहीं किया है, ऐसे लोगों ने फर्जी दस्तावेज जमा कर दिए थे. और इन्हेंं परीक्षा में बैठने की अनुमति मिल गई थी. जबकि इन लोगों के प्रवेश संबंधी कोई दस्तावेज नहीं थे.
यूनिवर्सिटी के कुछ लोगों पर मिलीभगत की आशंका
ऐसी आशंका है कि मद्रास विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया है. यह भी आरोप है कि परीक्षा देने वालों में से प्रत्येक ने अवैध रूप से 3 लाख रुपये तक का भुगतान किया. उनमें से ज्यादातर बीबीए और बीकॉम पाठ्यक्रमों के लिए डिग्री पाने की कोशिश कर रहे थे. इस घोटाले में और भी अधिक लोगों के शामिल होने की आशंका है. मद्रास विश्वविद्यालय के कुलपति गौरी ने कहा है कि जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी. ऑनलाइन परीक्षा का लाभ उठाने के प्रयास में बकाया छात्रों को दिए गए अवसरों का दुरुपयोग किया गया है. इस प्रक्रिया में छात्रों को उनके घर से परीक्षा में हिस्सा लेना था और प्रश्नों के उत्तर पोस्ट करने के लिए विशेष समय सीमा तय की गई थी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Fake documents, University