इस्तीफा नहीं, बस विभाग बदले जाएंगे बंसल और अश्विनी के!

कोलगेट और रेलवे घूसकांड में फंसी यूपीए सरकार में 22 मई से पहले फेरबदल हो सकता है। 22 मई को सरकार के चार साल पूरे होने जा रहे हैं।
कोलगेट और रेलवे घूसकांड में फंसी यूपीए सरकार में 22 मई से पहले फेरबदल हो सकता है। 22 मई को सरकार के चार साल पूरे होने जा रहे हैं।
- News18India
- Last Updated: May 9, 2013, 10:44 AM IST
नई दिल्ली। कोलगेट और रेलवे घूसकांड में फंसी यूपीए सरकार में 22 मई से पहले फेरबदल हो सकता है। 22 मई को पूरे चार साल होने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस फेरबदल में कानून मंत्री अश्विनी कुमार के विभाग में बदलाव हो सकता है।
यही नहीं, इस फेरबदल में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के विभाग में भी बदलाव हो सकता है। कोयला घोटाले में सीबीआई के हलफनामे और उस पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद अश्विनी कुमार की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा था।
विपक्ष भी कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद में लगातार हंगामा करता रहा। वहीं रेल मंत्री के भांजे के रेल घूसकांड में गिरफ्तार होने के बाद पवन बंसल के भी इस्तीफे की मांग तेज हो गई थी। ऐसे में दोनों के विभाग बदलने की कोशिश हो सकती है।
कहा जा रहा है कि 22 मई को कानून मंत्री अश्विनी कुमार को किसी दूसरे विभाग की कमान सौंपी जा सकती है। वहीं रेलमंत्री की कुर्सी भी छिन सकती है। सूत्रों के मुताबिक मनीष तिवारी को कानून मंत्रालय का प्रभार सौंपा जा सकता है। तिवारी अभी सूचना प्रसारण मंत्री हैं।
यही नहीं, इस फेरबदल में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के विभाग में भी बदलाव हो सकता है। कोयला घोटाले में सीबीआई के हलफनामे और उस पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद अश्विनी कुमार की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा था।
विपक्ष भी कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद में लगातार हंगामा करता रहा। वहीं रेल मंत्री के भांजे के रेल घूसकांड में गिरफ्तार होने के बाद पवन बंसल के भी इस्तीफे की मांग तेज हो गई थी। ऐसे में दोनों के विभाग बदलने की कोशिश हो सकती है।
कहा जा रहा है कि 22 मई को कानून मंत्री अश्विनी कुमार को किसी दूसरे विभाग की कमान सौंपी जा सकती है। वहीं रेलमंत्री की कुर्सी भी छिन सकती है। सूत्रों के मुताबिक मनीष तिवारी को कानून मंत्रालय का प्रभार सौंपा जा सकता है। तिवारी अभी सूचना प्रसारण मंत्री हैं।