बालिका संरक्षण गृह की बच्चियों के गर्भवती होने के मामले में एक तरफ जहां शेल्टर होम प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं. (फाइल फोटो)
कानपुर. कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण की खबरों के बीच कानपुर (Kanpur) के स्वरूप नगर स्थित राजकीय बाल संरक्षण गृह की दो नाबालिग बच्चियों के गर्भवती पाए जाने और उनमें से एक के HIV पीड़ित होने की घटना से एक बार फिर शेल्टर होम पर सवाल उठ रहे हैं. पिछले साल बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण का (Muzaffarpur Shelter Home) मामला सामने आया था. कानपुर की घटना को भी मुजफ्फरपुर से जोड़कर देखा जा रहा है. खासकर इस बात पर सवाल उठना लाजिमी है कि 8 महीने तक शेल्टर होम में रह रहीं इन दोनों बच्चियों के गर्भवती होने की जानकारी वहां के प्रबंधन को कैसे नहीं हो पाई? यही नहीं, इन दोनों बच्चियों में से एक के एचआईवी पीड़ित होने से मामला और संगीन होता नजर आ रहा है. आपको बता दें कि दूसरी बच्ची में हेपेटाइटिस-सी के लक्षण पाए गए हैं. फिलहाल दोनों बच्चियों को शहर के जच्चा-बच्चा अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है.
कैसे सामने आया मामला
कानपुर के स्वरूप नगर बालिका संरक्षण गृह में तीन दिन पहले 33 किशोरियों में कोरोना वायरस के लक्षण सामने आए थे. इसके बाद मंधना के रामा हॉस्पिटल में सभी के सैंपल की जांच की गई. स्वास्थ्य विभाग की जांच में सभी 33 बच्चियां कोरोना पॉजिटिव पाई गईं. जांच के दौरान विभाग की डॉक्टर को दो लड़कियों के फूले हुए पेट को देखकर कुछ शक हुआ, तो उन्होंने इन दोनों की और जांच करने को कहा. इस जांच में दोनों ही लड़कियां गर्भवती पाई गईं, साथ ही यह भी पता चला कि दोनों के पेट में 8 महीने का बच्चा है. यह जानकारी सामने आते ही बालिका संरक्षण गृह में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में दोनों को हैलट के जच्चा-बच्चा अस्पताल में बने कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. डॉक्टरी जांच के दौरान ही एक बच्ची में HIV तो दूसरी में हेपेटाइटिस-सी के लक्षण भी पाए गए.
यूपी की ही रहने वाली हैं लड़कियां
बालिका संरक्षण गृह की दो बच्चियों के गर्भवती होने का मामला सामने आने के बाद जब मामले की पड़ताल शुरू हुई, तो पहले बताया गया कि दोनों लड़कियां बिहार-झारखंड की हैं. लेकिन बाद में बालिका संरक्षण गृह की ओर से सफाई दी गई कि ये दोनों यूपी के मुजफ्फरनगर से कानपुर लाई गई थी. न्यूज 18 की पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि इसी साल दोनों को कानपुर लाया गया है. लेकिन इन्हें गर्भ कैसे ठहरा, इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई.
CMO का ये कैसा बयान
बालिका संरक्षण गृह की बच्चियों के गर्भवती होने के मामले में एक तरफ जहां शेल्टर होम प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं कानपुर के सीएमओ अशोक कुमार शुक्ला का बयान भी गौर करने लायक है. सीएमओ ने मामले में कहा कि यह विभाग उनका नहीं है, इसलिए दोनों किशोरियां गर्भवती कैसे हुईं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. वह दोनों गर्भवती हैं या एचआईवी पॉजिटिव इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन से मिल सकती है. इधर, एक सवाल शेल्टर होम प्रबंधन को लेकर भी उठ रहा है कि क्या बालिका संरक्षण गृह में रहने वाली बच्चियों के सेहत की नियमित जांच नहीं होती है? क्योंकि अगर जांच होती तो दोनों बच्चियों के गर्भवती होने का पहले ही पता चल जाता.
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Tags: 2 minor girl became pregnant, Kanpur COVID-19 Hospital, Kanpur news, Kanpur Shelter Home, Uttar pradesh news
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