नई दिल्ली। देश को झकझोर देने वाले दिल्ली गैंगरेप केस में चारों आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने चारों आरोपियों को रेप, मर्डर, आपराधिक साजिश सहित 13 धाराओं में दोषी करार दिया। इनकी सजा पर कल से बहस शुरू होगी। आज सुबह चारों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में तिहाड़ जेल से साकेत कोर्ट लाया गया। आरोपियों के वकील ने हाईकोर्ट जाने की बात कही है।
आरोपियों पर जो धाराएं लगी हैं उनमें सजा उम्रकैद से लेकर फांसी तक हो सकती है। कोर्ट में आरोपियों को दोषी करार देते वक्त आरोपियों के परिजन बहुत घबराए थे, जबकि पीड़िता के माता-पिता के चेहरे पर एक सुकून था। कोर्ट में एडीजी योगेश खन्ना ने फैसला सुनाया। चारों को हत्या, अपराधिक साजिश और बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ जिन धाराओं में मुकदमे चले हैं, उसके तहत दोषी पाए जाने पर उन्हें उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।
16 दिसंबर 2012 का वो दिन
16 दिसंबर 2012 को जिस तरह देश की राजधानी में चलती बस के अंदर गैंगरेप किया गया, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। शहर-शहर लोग इंसाफ की मांग करते सड़कों पर उतर पड़े। इस जघन्य वारदात में एक 23 साल की लड़की के साथ 6 लोगों ने पहले सामूहिक बलात्कार किया और फिर लड़की और उसके दोस्त को पीटकर अधमरी हालत में सड़क पर फेंककर फरार हो गए। सरकार ने पीड़ित लड़की को इलाज के लिए विदेश भी भेजा, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
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बहरहाल, कुछ ही दिनों में ही पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी थे रामसिंह, मुकेश, अक्षय, विनय और पवन। इस मामले का छठा आरोपी नाबालिग था जिसका मुकदमा किशोर न्याय परिषद में चला। परिषद ने बीती 31 अगस्त को उसे तीन साल की सजा सुनाई है। साकेत कोर्ट में बाकी के 5 आरोपियों के मुकदमे की सुनवाई हुई। 10 सितंबर को फैसले की तारीख मुकर्रर की गई।
कब-कब क्या हुआ
-16 दिसंबर 2012 को दक्षिणी दिल्ली इलाके में चलती बस में इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया।
-17 दिसंबर को इस मामले के मुख्य आरोपी रामसिंह को गिरफ्तार किया गया। 18 दिसंबर को पवन,विनय और मुकेश को पकड़ा गया। 20 दिसंबर को नाबालिग आरोपी पकड़ में आया। 21 दिसंबर को छठें आरोपी अक्षय को गिरफ्तार किया गया।
-23 अगस्त को इस मामले की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालत बनाई गई।
-3 जनवरी 2013 को पुलिस ने 33 पन्नों की पहली चार्जशीट अदालत में दाखिल की।
-2 फरवरी को पांचों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये गये और 5 फरवरी से इस मामले का ट्रायल शुरू हुआ।
--11 मार्च को आरोपी रामसिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली।
-इस केस में पुलिस ने 85 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने 17 गवाहों को। मामले की सुनवाई रोजाना हुई।
-22 अगस्त को इस मामले में अंतिम बहस शुरू हुई जो 3 सितंबर को खत्म हुई जिसके बाद अदालत ने 10 सितंबर तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
आरोपी की मौत हो, वकीलों का गुस्सा या फिर प्राशासनिक देरी। तमाम तरीके की अड़चने इस केस के ट्रायल के दौरान पड़ती रहीं। बावजूद इसके अदालत ने सारे पक्षों को पूरा मौका दिया अपनी बात कहने का।
कौन कौन सी धाराएं लगी, कितनी सजा का प्रावधान
धारा 302-हत्या-सजा है फांसी या उम्रकैद
धारा 396-हत्या सहित डकैती- सजा है फांसी या उम्रकैद
धारा 307-हत्या का प्रयास सजा है 10 साल की कैद
धारा 376(2) जी-सामूहिक दुष्कर्म- सजा है 10 साल की कैद
धारा 377-अप्राकृतिक यौनाचार- सजा है 10 साल की कैद
इसके अलावा पांचों आरोपियों पर अपहरण,आपराधिक साजिश रचने,लूटपाट,सबूत नष्ट करने से जुड़ी सख्त धाराएं भी लगाई गई हैं जिनमें 2 साल से लेकर 10 साल तक की सजा हो सकती है। इन पांचों आरोपियों पर लूटपाट का एक और मुकदमा चल रहा है जिसकी सुनवाई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही है।
बहरहाल, जनता की भावनाओं से जुड़ा ये ये केस अब अपने अंतिम मुकाम तक पहुंचने को है और पीड़ित के परिजनों समेत पूरे देश की निगाहें इस फैसले पर है।
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Tags: Delhi gangrape
FIRST PUBLISHED : September 10, 2013, 02:32 IST