नयी दिल्ली। भारत ने फ्रांसीसी फाइटर प्लेन 'रॉफेल' मिलने में हो रही देरी को लेकर फ्रांस सरकार को पत्र लिखा है, और जल्द से जल्द उन दिक्कतों को दूर करने के लिए कहा है जिसकी वजह से भारत को फ्रांसीसी कंपनी डेसॉल्ट से 18 रॉफेल फाइटर प्लेन्स मिलने में दिक्कत हो रही है।
दरअसल, भारत और फ्रांस के बीच हुए समझौते में 126 126 बहुउद्देश्यीय मध्यम रेंज युद्धक विमान (एमएमआरसीए)राफेल की खरीद के अरबों डालर का सौदा हुआ था, जिसमें डेसॉल्ट सीधे भारतीय वायुसेना को 18 फाइटर प्लेन्स देती, जबकि बाकी के जहाजों को भारत में ही तैयार एचएएल के माध्यम से तैयार किया जाना है। लेकिन डेसॉल्ट इस फाइटर प्लेन की तकनीक भारत के साथ साझा करने में हिचक दिखा रही है। यही वजह है कि ये फाइटर प्लेन अबतक भारत को नहीं मिल पाए हैं।
इस पूरे मामले को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने फ्रांस के रक्षा मंत्री जीन येव्स ले दि्रयां को एक पत्र लिख कर कहा है कि वह शीघ्र ही एक अधिकार संपन्न विशेषज्ञ समूह को भारत भेजें ताकि उन जटिल मुद्दों का हल निकाला जा सके जो इस सौदे को ही खतरे में डाल रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इस वर्ष अप्रैल में फ्रांस की यात्रा पर जाने का कार्यक्रम है और भारत चाहता है कि वह इस यात्रा के पहले ही इस 20 अरब डालर के सौदे पर अंतिम निर्णय ले ले।
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय 18 विमानों की खरीद के बाद फ्रांस और भारत के बीच प्रौद्योंगिकी हस्तांतरण समझौते के तहत हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में बनने वाले 108 विमानों की जिम्मेदारी लेने के प्रति राफेल की निर्माता कंपनी डेसोल्ट द्वारा उदासीनता दिखाये जाने से नाखुश है। डेसोल्ट के भारत में बनने वाले विमानों के मालिकाना दायित्व लेने के लिये तैयार नहीं होने के कारण यह सौदा एक साल से लटका पडा है।
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Tags: France, Manohar parrikar
FIRST PUBLISHED : January 12, 2015, 09:31 IST