इनकी पहचान मुंबई के रहने वाले 31 वर्षीय अनिकेत एस. येनपुरे और मंदार एम. वर्लीकर, पटना के 23 वर्षीय प्रणव ए. तिवारी, दिल्ली के 24 वर्षीय नवीन एम. सिंह और चेन्नई में रहने वाले 33 साल के थमिजह आर. सेलवन के रूप में हुई है.
मुंबई. ईरान में जून 2019 से फंसे पांच भारतीय मर्चेंट नेवी कर्मी करीब चार साल बाद आखिरकार शुक्रवार दोपहर घर लौट आए. ड्रग्स तस्करी के एक मामले में वह चार साल से जेल में बंद थे. ईरानी की स्थानीय अदालत ने मार्च 2021 में उन्हें पूरी तरह से बरी कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें घर लौटने में दो साल लग गए.
इनकी पहचान मुंबई के रहने वाले 31 वर्षीय अनिकेत एस. येनपुरे और मंदार एम. वर्लीकर, पटना के 23 वर्षीय प्रणव ए. तिवारी, दिल्ली के 24 वर्षीय नवीन एम. सिंह और चेन्नई में रहने वाले 33 साल के थमिजह आर. सेलवन के रूप में हुई है. शुक्रवार दोपहर जब वे पांचों ईरान एयर से मुंबई पहुंचे तो उनके रिश्तेदारों ने गले लगाकर उनका स्वागत किया. इस दौरान उन सबकी आंखें नम थीं.
वतन लौटकर खुशी का ठिकाना नहीं
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, येनपुरे ने कहा, ‘हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है… हम करीब 45 महीनों तक अपने परिवार से दूर रहे, लेकिन यह बुरा सपना अब खत्म हो गया है. अगले एक महीने हम आराम करेंगे और अपने परिवार के लोगों के साथ वक्त बिताएंगे.’
येनपुरे ने तेहरान में भारतीय दूतावास के प्रति आभार जताया, जिसने मुंबई तक उनके आपातकालीन यात्रा कागजात और टिकट की व्यवस्था की और साथ ही कुछ ईरानी वकीलों को उनकी सुचारू घर-वापसी सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद दिया. वहीं वर्लीकर ने बताया कि अभी उनके पासपोर्ट और सीडीसी नहीं सौंपे गए. ऐसे में अब उन पांचों युवकों ने नए पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की योजना बनाई है.
फिलहाल तिवारी, सिंह और सेलवन अपने दोस्त येनपुरे और वर्लीकर के यहां ही रहेंगे, जब तक कि वो अपने-अपने घर लौटने के लिए अपने परिवारों से पैसों की व्यवस्था नहीं कर लेते.
येनपुरे और वर्लीकर दोनों रिश्ते में भाई लगते हैं. ये दोनों एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में नौकरी करते थे, जब उन्होंने मर्चेंट नेवी में वेकैंसी का एक विज्ञापन देखा. उन्होंने इसके लिए आवेदन किया और फिर जुलाई 2019 में मर्चेंट नेवी में शामिल हो गए.
क्या है पूरा मामला
हालांकि उनकी पहली यात्रा ही बड़ी चुनौती बन गई, क्योंकि जिस मालवाहक जहाज में वे तैनात थे, उसमें ड्रग्स भी छुपाकर ले जाया जा रहा था. चालक दल के केवल वरिष्ठ सदस्यों और कप्तान को ही इसकी जानकारी थी. अनिकेत के मुताबिक, जब उन्हें पता चला कि समुद्र के बीच में माल उतारा जा रहा है तो उसे कुछ गड़बड़ी लगी. इसके बाद उन पांचों ने अपने मोबाइल फोन पर उस पूरी घटना को रिकॉर्ड कर लिया.
ईरानी नौसैना के अधिकारियों ने फरवरी 2020 में उनके जहाज को रोककर पूरे चालक दल को गिरफ्तार कर लिया था. एक ईरानी जेल में 403 दिन बिताने के बाद 9 मार्च, 2021 को बलूचिस्तान के चाबहार में स्थानीय अदालत में पांच लोगों को निर्दोष साबित कर दिया गया. उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने में इसी वीडियो से मदद मिली, जो उन्हें रिकॉर्ड किया था.
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