नई दिल्ली. अमेरिका में बुधवार, 19 जनवरी से 5जी दूरसंचार सेवा (5g Telecom Service in US) शुरू होने से दुनियाभर की एयरलाइंस परेशान हैं. इतनी कि अमेरिकी शहरों को जाने वाली अपनी उड़ानें एक के बाद एक रद्द कर रही हैं. अब ऐसा करने वाली एयरलाइंस में एयर इंडिया (Air India) का नाम भी शामिल हो गया है. उसने अगले आदेश तक 8 उड़ानें रद्द करने का फैसला किया है.
एयर इंडिया (Air India) की ओर से ट्विटर (Twitter) पर बताया गया, ‘अमेरिका में 5जी सेवा शुरू होने के कारण भारत से अमेरिकी मार्गों पर जाने वाली हमारी उड़ानें 19 जनवरी से रद्द रहेंगी. अगली सूचना जल्द ही दी जाएगी.’ खबरों के मुताबिक एयर इंडिया (Air India) ने अभी जो 8 उड़ानें रद्द की हैं, वे दिल्ली-न्यूयॉर्क, दिल्ली-सैनफ्रांसिस्को और दिल्ली-शिकागो मार्गों पर संचालित होती हैं. अमेरिका और भारत के बीच विभिन्न मार्गों पर एयर इंडिया (Air India) के अलावा अमेरिकन एयरलाइंस और डेल्टा एयरलाइंस की उड़ानें संचालित होती हैं.
और किन एयरलाइंस ने रद्द की हैं अपनी उड़ानें?
एयर इंडिया (Air India) अकेली एयरलाइंस नहीं है, जिसने अमेरिका जाने वाली उड़ानों को रद्द किया है. इससे पहले जापान (Japan) की अल-निप्पन एयरलाइंस (Al-Nippon Airlines) भी घोषणा की थी कि अमेरिका में 5जी सेवा (5g Service in US) शुरू होने की वजह से वह शिकागो, लॉस एंजिलिस और न्यूयॉर्क जाने वाली 20 उड़ानें रद्द कर रही है. वहीं, दुबई (Dubai) की अमीरात एयरलाइंस (Emirates Airlines) ने बोस्टन, शिकागो, डलास, ह्यूस्टन, मियामी, नेवार्क, न्यूजर्सी, ओरलैंडो, फ्लोरिडा, सैनफ्रांसिस्को, सिएटल जाने वाली उड़ानें रद्द की हैं.
आखिर उड़ानें रद्द होने का कारण क्या है?
अमेरिका में दूरसंचार क्षेत्र की दो कंपनियों- एटीएंडटी (AT&T) और वेरिजॉन (Verizone) ने 5जी सेवा (5g Service) शुरू की है. इसके लिए ये कंपनियां जिस रेडियो-फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल कर रही हैं, वह 3.7 से 3.98 गीगाहर्ट्ज के बीच है. इस रेंज को ‘सी-बैंड’ (C-Band) कहा जाता है. और यही तमाम एयरलाइंस की दिक्कत है. दरअसल, आजकल बड़े विमानों में जो रडार अल्टीमीटर (Radar Altimeters) इस्तेमाल किया जाता है, वह 4.2 से 4.4 गीगाहर्ट्ज के बीच संचालित होता है. इसी अल्टीमीटर (Altimeters) से पायलट को पता चलता है कि उनका विमान जमीन से कितना ऊपर उड़ रहा है. अब चूंकि 5जी सर्विस के लिए अमेरिकी कंपनियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही सी-बैंड फ्रिक्वेंसी इसके नजदीक है, तो उसके दायरे में दाखिल होते ही विमान का अल्टीमीटर (Altimeters) गलत रीडिंग दे सकता है. मतलब, दुर्घटना को खुला निमंत्रण.
लेकिन 5जी सेवा तो अन्य देशों में भी है?
बिल्कुल. यूरोपीय संघ (EU) के देशों और दक्षिण कोरिया (South Korea) आदि में 5जी सेवा (5g Service) शुरू हो चुकी है. लेकिन ईयू (EU) के देशों में दूरसंचार कंपनियां 3.4 से 3.8 गीगा हर्ट्ज के बीच की फ्रिक्वेंसी अपनी सेवा संचालित करती हैं. वहीं, दक्षिण कोरिया (South Korea) में यह रेंज 3.42 से 3.7 गीगा हर्ट्ज के बीच है. यानि विमान के अल्टीमीटर (Altimeters) के लिए इस्तेमाल होने वाली फ्रिक्वेंसी से काफी नीचे. इसलिए वहां कोई दिक्कत नहीं है.
तो फिर अमेरिका जाने वाली कुछ उड़ानें ही क्यों रद्द हो रहीं हैं?
यहां गौर करने की बात है कि किसी भी एयरलाइंस ने अमेरिकी शहरों की ओर जाने वाली सभी उड़ानें रद्द नहीं की हैं. कुछ ही की हैं. ऐसे में सवाल हो सकता है कि अगर अमेरिकी 5जी सेवा (5g Service) से विमानों में तकनीकी दिक्कत आ सकती है तो सभी उड़ानें रद्द क्यों नहीं की जा रही हैं? तो जवाब ये है कि तकनीकी दिक्कत की संभावना विशेष रूप से बोइंग-777 (Boing-777) जैसे बड़े विमानों के लिए अधिक है. लिहाजा, अमेरिका के लिए जिन मार्गों पर जो एयरलाइंस जितने बोइंग-777 (Boing-777) संचालित कर रही हैं, उन्हें अगले आदेश तक रद्द किया गया है.
अब यहां से आगे के क्या, कैसे, क्यों?
इसके बाद दो-तीन प्रश्न और हो सकते हैं. जैसे- भारत में 5जी सर्विस शुरू हो रही है. तो क्या यहां भी दिक्कत आएगी? इसका जवाब है, ‘नहीं’ क्योंकि भारत में 3.3 से 3.68 गीगाहर्ट्ज की फ्रिक्वेंसी पर ही 5जी सर्विस (5g Service) चलेगी. सरकार ने इतने की ही मंजूरी दी है. दूसरा सवाल- अमेरिका में ऊंची फ्रिक्वेंसी क्यों? दूरसंचार क्षेत्र के विशेषज्ञ इसका उत्तर देते हैं. उनके मुताबिक, व्यावसायिक रूप से तेज और बेहतर सर्विस अधिक से अधिक फ्रिक्वेंसी पर सुनिश्चित होती है. इसीलिए अमेरिका और वहां की दूरसंचार कंपनियों ने यह विकल्प चुना है. सो अब तीसरा सवाल- समस्या हल करने के लिए एयरलाइंस क्या करेंगी? इसका उत्तर है, विमानों में संशोधन. विशेषज्ञों की मानें तो 5जी दूरसंचार सेवा (5g Telecom Service) और विमानों के अल्टीमीटर (Altimeters) के लिए इस्तेमाल होने वाली दोनों फ्रिक्वेंसी के बीच कम से कम 530 मेगाहर्ट्ज का सुरक्षित अंतर होना जरूरी है. लिहाजा, बोइंग अपने विमानों में यह संशोधन करेगी.
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Tags: 5G Technology, Air India Flights, Hindi news