उज्जैन के ब्रेन डेड कारोबारी का दिल सेना के एक जवान को प्रत्यारोपित किया जाएगा. (न्यूज 18 हिन्दी)
इंदौर. देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से मानवता की मिसाल पेश करने वाली खबर सामने आई है. ब्रेन डेड शख्स अपने जीवन का त्याग करके भी 6 लोगों को नई जिंदगी दे गया. उनके हार्ट को सेना के एक जवान में ट्रांसप्लांट किया जाएगा. हार्ट को जाने के लिए पुणे से वायुसेना का स्पेशन एयरक्राफ्ट इंदौर पहुंचा था. वहीं, दोनों किडनी और आंखें भी दान की गईं. सभी अंगों को सही समय पर गंतव्य तक पहुंचाने के लिए इंदौर में एक ही दिन में 3 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए. ब्रेन डेड शख्स के इस महादान से जहां किसी के सीने में फिर से दिल धड़क सकेगा तो किसी को नई रोशनी मिल पाएगी.
इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती उज्जैन के आलू-प्याज व्यवसायी प्रदीप आसवानी ब्रेन डेड हो गए थे. प्रदीप का दिल अब देश की सेवा कर रहे 54 साल के जवान के दिल में धड़केगा. उनका हार्ट पुणे के एक हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे भारतीय सेना के जवान को ट्रांसप्लांट किया जाएगा. सोमवार को विशेष जुपिटर हॉस्पिटल से एयरपोर्ट तक सुबह 8:50 बजे ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. हार्ट को देवी अहिल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहले से तैयार वायुसेना के स्पेशल एयरक्राफ्ट से पुणे के लिए रवाना किया गया. व्यापारी के हार्ट को लेने के लिए भारतीय सेना के एआईसीटीसी हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन कर्नल डॉ. सौरभ सिंह 8 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम के साथ देर रात इंदौर पहुंचे थे. इसके बाद इंदौर की सोसाइटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के सहयोग से 48वां ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया.
बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर
सुबह 9.50 बजे विशेष जुपिटर हॉस्पिटल से दूसरा ग्रीन कॉरिडोर चोइथराम अस्पताल के लिए और तीसरा ग्रीन कॉरिडोर बाम्बे अस्पताल के लिए बनाया गया. इस साल जनवरी में यह तीसरा मौका है जब ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किसी ब्रेन डेड व्यक्ति के अंग को प्रत्यारोपण के लिए भेजा गया. एक ही दिन में वेटिंग लिस्ट के रोगियों के लिए 3 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए, जिनमें 1 अंतरराज्यीय और 2 स्थानीय कॉरिडोर बनाए गए. इसमें स्थानीय ट्रैफिक पुलिस, सीआईएसएफ और एयरपोर्ट अथॉरिटी के कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभाई. इसके लिए यातायात पुलिस के 150 जवानों को तैनात किया गया था.
सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे प्रदीप आसवानी
उज्जैन के शुभम पैलेस निवासी आलू-प्याज के व्यवसायी प्रदीप आसवानी 20 जनवरी की मध्य रात्रि में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें संजीवनी हॉस्पिटल (उज्जैन) में भर्ती कराया गया था, जहां नाजुक हालत को देखते हुए मुस्कान ग्रुप के सेवादारों के सहयोग से उन्हें इंदौर के विशेष जुपिटर हॉस्पिटल में रेफर किया गया. इलाज के दौरान न्यूरो सर्जन डॉ. बसंत डाकवाले ने परिवार को संभावित ब्रेन डेड के लक्षण की जानकारी दी. ऐसी स्थिति में मुस्कान ग्रुप के सेवादारों ने परिवार को अंगदान के लिए मनाया.
दो बार किया गया था परीक्षण
पारिवारिक स्वीकृति के बाद 4 डॉक्टरों के पैनल ने प्रदीप आसवानी का पहला ब्रेन स्टेम डेथ परीक्षण शनिवार 28 जनवरी को रात 11:55 पर किया, जबकि दूसरा ब्रेन स्टेम डेथ परीक्षण 29 जनवरी रविवार शाम 6:15 बजे किया गया. अंगों का आवंटन केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक वरीयता सूची के आधार पर किया गया. इसमें लिवर विशेष जुपिटर हॉस्पिटल, एक किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल को और दूसरी किडनी चोइथराम हॉस्पिटल में उपचाररत रोगियों को दिए गए. वहीं, आंखें शंकर आई बैंक को दान कर दिया गया.
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