आंदोलन का 59वां दिन: कानून में सब सही-केंद्र, रद्द से कुछ कम नहीं-किसान

किसानों का आंदोलन जारी है. (फाइल फोटो Pic- AP)
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक- आज केंद्र सरकार के साथ बैठक में फिर से गतिरोध पैदा हुआ. सरकार "18 महीनों तक इन कानूनों पर रोक लगाने के प्रस्ताव" पर अडिग रही वहीं किसानों ने कानूनों को रद्द करने की मांग रखी. पुलिस अधिकारियों के साथ वार्ता में पुलिस ने एक रोडमैप किसान नेताओं के सामने रखा जिस पर किसानों ने विचार कर कल जवाब देने की बात रखी.
- News18Hindi
- Last Updated: January 22, 2021, 10:25 PM IST
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ किसान आंदोलन के 59 दिन पूरे हो चुके हैं. इस बीच किसानों और सरकार के बीच 11 राउंड की वार्ता हो चुकी है. शुक्रवार को भी किसानों और सरकार के बीच बातचीत हुई. इस बैठक में सरकार की तरफ से किसान नेताओं को सख्त संदेश दिया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक- आज केंद्र सरकार के साथ बैठक में फिर से गतिरोध पैदा हुआ. सरकार "18 महीनों तक इन कानूनों पर रोक लगाने के प्रस्ताव" पर अडिग रही वहीं किसानों ने कानूनों को रद्द करने की मांग रखी. पुलिस अधिकारियों के साथ वार्ता में पुलिस ने एक रोडमैप किसान नेताओं के सामने रखा जिस पर किसानों ने विचार कर कल जवाब देने की बात रखी.
सरकार ने दिया था डेढ़ साल तक कानून स्थगित रखने का प्रस्ताव, नहीं माने किसान नेता
दरअसल दसवें राउंड की बैठक में सरकार की तरफ से किसान नेताओं को यह प्रपोजल दिया गया था कि हम डेढ़ साल तक नए कानून को निलंबित रखेंगे. इस पर किसान नेताओं से विचार करने के लिए कहा गया था. लेकिन 11वें राउंड की बैठक से पहले ही किसान नेताओं की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया कि इस प्रपोजल पर कोई विचार नहीं किया जाएगा और कानून वापसी ही एकमात्र आंदोलन रोकने का विकल्प है.
सरकार ने कहा-हमारी तरफ से बेस्ट और आखिरी ऑफर थाअब सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि डेढ़ साल तक कानून को रोकने का प्रपोजल उनकी 'आखिरी सीमा' थी. किसान नेताओं से इस प्रपोजल पर दोबार विचार करने को कहा गया है. सरकार की तरफ से यह भी साफ कर दिया गया कि कानून में कोई कमी नहीं है. इसका स्पष्ट संदेश है कि सरकार कानून पर बिंदुवार चर्चा ही कर सकती है लेकिन कानूनवापसी का कोई सवाल नहीं है.
सरकार ने दिया था डेढ़ साल तक कानून स्थगित रखने का प्रस्ताव, नहीं माने किसान नेता
दरअसल दसवें राउंड की बैठक में सरकार की तरफ से किसान नेताओं को यह प्रपोजल दिया गया था कि हम डेढ़ साल तक नए कानून को निलंबित रखेंगे. इस पर किसान नेताओं से विचार करने के लिए कहा गया था. लेकिन 11वें राउंड की बैठक से पहले ही किसान नेताओं की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया कि इस प्रपोजल पर कोई विचार नहीं किया जाएगा और कानून वापसी ही एकमात्र आंदोलन रोकने का विकल्प है.
सरकार ने कहा-हमारी तरफ से बेस्ट और आखिरी ऑफर थाअब सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि डेढ़ साल तक कानून को रोकने का प्रपोजल उनकी 'आखिरी सीमा' थी. किसान नेताओं से इस प्रपोजल पर दोबार विचार करने को कहा गया है. सरकार की तरफ से यह भी साफ कर दिया गया कि कानून में कोई कमी नहीं है. इसका स्पष्ट संदेश है कि सरकार कानून पर बिंदुवार चर्चा ही कर सकती है लेकिन कानूनवापसी का कोई सवाल नहीं है.