पश्चिम बंगाल चुनावः पहले चरण के मतदान में होगी 70 हजार अर्धसैनिक बलों की तैनाती

चुनावी हिंसा को रोकने के लिए अग्रिम रूप से सीएपीएफ को तैनात किया जा सकता है.
West Bengal Assembly Elections: पहले चरण में जिन जगहों पर चुनाव होने हैं उसमें से 5 जिले ऐसे हैं जो नक्सल प्रभावित हैं, लिहाजा यहां भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. यह जिले हैं बांकुड़ा, झारग्राम, पुरुलिया, पूर्वी मिदनापुर और पश्चिमी मिदनापुर.
- News18Hindi
- Last Updated: March 26, 2021, 6:34 PM IST
कोलकाता/नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) के पहले चरण में 70 हजार से ज्यादा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी. राज्य की 30 सीटों पर शनिवार को होने वाले इस चुनाव में केंद्रीय अर्धसैनिक बल और अन्य प्रदेशों के स्टेट आर्म्ड पुलिस के जवान भी शामिल होंगे. राज्य में लगातार मिल रहे देसी बम के खतरे को देखते हुए सुरक्षाबलों को अलर्ट रहने के खास निर्देश दिए गए हैं. हर पोलिंग बूथ पर चार से पांच केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान तैनात होंगे.
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 750 कंपनियां और देश के अन्य प्रदेशों की स्टेट आर्म्ड पुलिस की 50 कंपनियां पश्चिम बंगाल चुनाव में अपनी सेवाएं देंगी. आंकड़ों के मुताबिक, 70,000 अर्धसैनिक बलों के जवान 30 विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग बूथ पर मौजूद रहेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है जब राज्य में इतनी बड़ी तादाद में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. राज्य में तैनात रहे पूर्व अधिकारी का मानना है कि जब विशिष्ट हालात होते हैं तब सुरक्षाबलों को ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं.
रणनीति के तहत सुरक्षाबलों की तैनाती
बीएसएफ के पूर्व आईजी जेपी सिन्हा का कहना है कि हर दिन के हिसाब से सुरक्षा बल अपनी रणनीति बनाते हैं और यह तैनाती उसी रणनीति का हिस्सा है क्योंकि उन्हें सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान मतदाता का अधिकार पूरी तरीके से सुरक्षित रहे. पश्चिम बंगाल में हिंसा के दौरान बम के इस्तेमाल को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षाबलों को अहम अलर्ट जारी किया गया है कि इससे कितना बड़ा खतरा है और कैसे इसका मुकाबला किया जाए.नक्सल प्रभावित जिलों में खास इंतजाम
दरअसल पहले चरण में जिन जगहों पर चुनाव होने हैं उसमें से 5 जिले ऐसे हैं जो नक्सल प्रभावित हैं, लिहाजा यहां भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. यह जिले हैं बांकुड़ा, झारग्राम, पुरुलिया, पूर्वी मिदनापुर और पश्चिमी मिदनापुर. जानकारी के मुताबिक, इन जिलों के हर पोलिंग बूथ पर 5 सुरक्षाबलों की तैनाती होगी. पोलिंग बूथ से 100 मीटर के दायरे में स्थानीय पुलिस को आने की इजाजत नहीं होगी. यहां के संवेदनशील पोलिंग बूथ पर बम डिस्पोजल स्क्वॉड की तैनाती रहेगी.
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आने वाले चरणों में बढ़ाई जाएगी सुरक्षाबलों की तादाद
चुनाव आयोग के निर्देश के बाद 750 कंपनियां जिन अर्धसैनिक बलों की तैनात होगी, उसमें से 224 सीआरपीएफ की हैं 157 बीएसएफ की हैं, 50 स्टेट आर्म्ड पुलिस अन्य राज्यों से हैं. इसके अलावा बाकी बची हुई कंपनियां अन्य अर्धसैनिक बलों के फोर्स की हैं. यही नहीं आने वाले अन्य चरणों में इन सुरक्षा बलों की तादाद बढ़ाई भी जाएगी.
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 750 कंपनियां और देश के अन्य प्रदेशों की स्टेट आर्म्ड पुलिस की 50 कंपनियां पश्चिम बंगाल चुनाव में अपनी सेवाएं देंगी. आंकड़ों के मुताबिक, 70,000 अर्धसैनिक बलों के जवान 30 विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग बूथ पर मौजूद रहेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है जब राज्य में इतनी बड़ी तादाद में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. राज्य में तैनात रहे पूर्व अधिकारी का मानना है कि जब विशिष्ट हालात होते हैं तब सुरक्षाबलों को ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं.
रणनीति के तहत सुरक्षाबलों की तैनाती
बीएसएफ के पूर्व आईजी जेपी सिन्हा का कहना है कि हर दिन के हिसाब से सुरक्षा बल अपनी रणनीति बनाते हैं और यह तैनाती उसी रणनीति का हिस्सा है क्योंकि उन्हें सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान मतदाता का अधिकार पूरी तरीके से सुरक्षित रहे. पश्चिम बंगाल में हिंसा के दौरान बम के इस्तेमाल को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षाबलों को अहम अलर्ट जारी किया गया है कि इससे कितना बड़ा खतरा है और कैसे इसका मुकाबला किया जाए.नक्सल प्रभावित जिलों में खास इंतजाम
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आने वाले चरणों में बढ़ाई जाएगी सुरक्षाबलों की तादाद
चुनाव आयोग के निर्देश के बाद 750 कंपनियां जिन अर्धसैनिक बलों की तैनात होगी, उसमें से 224 सीआरपीएफ की हैं 157 बीएसएफ की हैं, 50 स्टेट आर्म्ड पुलिस अन्य राज्यों से हैं. इसके अलावा बाकी बची हुई कंपनियां अन्य अर्धसैनिक बलों के फोर्स की हैं. यही नहीं आने वाले अन्य चरणों में इन सुरक्षा बलों की तादाद बढ़ाई भी जाएगी.