नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी सरकार का आतंकवाद के प्रति बेहद सख्त रवैया रहा है. यही वजह थी कि जब पाकिस्तानी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हमला करके 40 जवानों की जान ले ली तो पीएम मोदी ने पाकिस्तान को सबक सिखाने में देर नहीं लगाई. महज 12 दिनों के अंदर ही पाकिस्तान के बालाकोट में अंदर घुसकर आतंकियों के अड्डे तबाह कर दिए गए. आतंकियों के खिलाफ भारत की ये सख्त पॉलिसी उसके बाद भी कायम रही, बल्कि ये कहें कि समय के साथ-साथ और मजबूत होती चली गई. मोदी सरकार के 8 साल पूरे होने के मौके पर आइए बताते हैं, बालाकोट स्ट्राइक ने किस तरह आतंकवाद के प्रति भारत का नजरिया बदला.
बालाकोट पर हमला
14 फरवरी 2019 का दिन था. पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों से भरी बस में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने 30 किलो विस्फोटक से भरी कार भिड़ाकर धमाका कर दिया था. 40 जवान शहीद हो गए. इसे लेकर देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा. महज 12 दिनों के अंदर ही 26-27 फरवरी की आधी रात के बाद भारत के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर बालाकोट में आतंकी अड्डों पर बम बरसा दिए. कहा जाता है कि इस हमले में 350 से ज्यादा पाकिस्तान आतंकी मारे गए. 1971 के बाद ये पहला मौका था, जब भारत ने पाकिस्तान में घुसकर हवाई हमला किया था.
पाकिस्तान की हवा निकली
अक्सर अपने परमाणु हथियारों की धमकी देने वाले पाकिस्तान की तरफ से भारत की इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया की संभावना थी. लेकिन हुआ बिल्कुल उलटा. भारत की कूटनीतिक और राजनीतिक ताकत का ही ये असर था कि पाकिस्तान को बंदी बनाए गए भारतीय फाइटर पायलट अभिनंदन वर्धमान को दो दिन बाद ही छोड़ना पड़ा. बाद में, पाकिस्तानी संसद में विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन के नेता अयाज सादिक ने चौंकाने वाला खुलासा किया. पाकिस्तानी चैनल- दुनिया न्यूज ने सादिक का वीडियो जारी किया, जिसमें वह कह रहे थे, ‘चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल बाजवा जब अभिनंदन पर बात करने संसद के नेताओं के सामने तशरीफ लाए तो उनके पैर कांप रहे थे. माथे पर पसीना था. हमसे विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि खुदा का वास्ता है कि इसे (अभिनंदन को) जाने दें, क्योंकि हिंदुस्तान 9 बजे रात को पाकिस्तान पर अटैक कर रहा है.”
दुनिया चाहे भारत से दोस्ती
बालाकोट हमला करके भारत ने दिखा दिया था कि पाकिस्तान सिर्फ खोखली धमकियां देता है. उसके सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व अंदर तक हिल गए थे. भारत की इस कार्रवाई पर दुनिया में किसी देश ने सवाल नहीं उठाए, उलटे पाकिस्तान को ही अपने यहां आतंकवाद पर लगाम कसने की नसीहतें दी गईं. भारत की ये कूटनीतिक बढ़त अब तक कायम है. अब हर देश भारत के साथ अपने रिश्ते मजबूत करना चाहता है. यूक्रेन युद्ध के बाद जब अमेरिका आदि पश्चिमी देश रूस के खिलाफ न बोलने पर चीन जैसे देशों को कड़ी चेतावनी दे रहे थे, भारत को लेकर उनका रवैया अलग था. भारत ने अंतरराष्ट्रीय दवाब के बावजूद घरेलू जरूरतें पूरी करने के लिए रूस से सस्ते दामों पर तेल खरीदा, बाकी सामान भी खरीदा. हाल ही में क्वाड की बैठक में भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापानी पीएम और ऑस्ट्रेलियाई पीएम के साथ पीएम मोदी की मुलाकात हुई तो सब भारत के साथ करीबी संबंध बनाते नजर आए.
जम्मू-कश्मीर में आतंक पर चोट
बालाकोट हमले के बाद भारत ने आतंक पर चोट करने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया. मोदी सरकार ने संसद में कानून बनाकर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को बेअसर कर दिया. इससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हो गया. इस दौरान मोदी सरकार ने सख्ती दिखाते हुए तमाम विरोधी राजनैतिक दलों के नेताओं को नजरबंद कर दिया. आतंकियों के रहनुमाओं पर शिकंजा कस दिया गया. पाकिस्तान की शह पर आतंक फैलाने वालों के दिन पूरे हो गए. जिस घाटी में स्थानीय युवकों को पैसा देकर और बरगलाकर पत्थरबाजी कराई जाती थी, अब वहां से इनका नामोनिशान मिट चुका है.
घाटी से आतंकियों का सफाया
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की सरपरस्ती में कई आतंकी संगठन फल-फूल रहे थे. लेकिन मोदी सरकार ने सेना को इनसे निपटने की खुली छूट दी. नतीजा ये हुआ कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की कमर तोड़ दी गई. एक के बाद एक बड़े आतंकियों को ढेर कर दिया गया. इस साल फरवरी में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया था कि 370 हटने के बाद से जम्मू कश्मीर में 439 आतंकवादी मारे जा चुके हैं. बताया गया है कि 2022 के पहले चार महीने में भी सेना 62 दहशतगर्दों को ढेर कर चुकी है. इनमें 15 विदेशी आतंकी भी शामिल हैं. पिछले साल 2021 में 184 आतंकवादी मारे गए थे, जिनमें 20 विदेशी थे. आतंकियों के खिलाफ ये सख्ती अब भी जारी है.
अलग-थलग हुआ पाकिस्तान
भारत में हुई ज्यादातर आतंकी घटनाओं के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है. लेकिन भारत के सख्त रवैये की वजह से उसे भी इसकी कीमत चुकानी पड़ी है. भारत ने लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की असलियत उजागर करके उसे अलग-थलग कर दिया है. अमेरिका ने पाकिस्तानी सरकार पर आतंकियों को पनाह देने पर सख्त रवैया अपनाया है. इसकी वजह से पाकिस्तान सरकार जिन आतंकियों को पहले शह देती रही थी, उन्हें जेल में डालना पड़ा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे इमरान खान कुर्सी से हटने के बाद भारत की कई मौकों पर तारीफ कर चुके हैं.
चीन की सीनाजोरी को जवाब
भारत ने एक तरफ पाकिस्तान को आइना दिखाया तो दूसरी तरफ चीन की सीनाजोरी का भी डटकर जवाब दिया. चीन ने पुराने समझौतों को तोड़ते हुए लद्दाख सीमा पर भारत के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया. भारत ने भी जवाब में अपनी सेनाएं तैनात कर दीं. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भिड़ंत में भारत के 20 से ज्यादा सैनिक शहीद हुए, वहीं चीन के सैनिक भी बड़ी तादाद में हताहत हुए, जिनका सही आंकड़ा चीन अब तक नहीं बताता है. भारत की सख्त नीति के चलते ही चीन को कई इलाकों से अपने सैनिक पीछे हटाने पड़े. हालांकि अब भी ये विवाद पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. लेकिन चीन सीमा पर अपनी मनमानी नहीं कर पा रहा है.
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