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मानहानि केस में एमजे अकबर के लिए काम करेंगे 97 वकील, छह करेंगे कोर्ट में पैरवी

विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर  (फाइल)

विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर (फाइल)

#MeToo कैंपेन के तहत 10 से ज्यादा महिला पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. ये आरोप उस ...अधिक पढ़ें

    #MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार के खिलाफ विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने सोमवार को आपराधिक मानहानि का मुकदमा किया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अकबर के केस की पैरवी 'करनजावाला एंड को' लॉ फर्म करेगी. इस फर्म के 97 वकीलों की टीम एमजे अकबर के केस पर काम कर रही है. हालांकि, लॉ फर्म का कहना है कि इनमें से सिर्फ 6 वकील ही कोर्ट में अकबर का पक्ष रखेंगे.

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    दरअसल, केंद्रीय मंत्री पर 10 से ज्यादा महिला पत्रकारों ने #MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. ये आरोप उस समय के हैं, जब एमजे अकबर मीडिया संस्थानों में ऊंचे ओहदे पर थे. पटियाला हाउस कोर्ट में एमजे अकबर के मानहानि केस पर मंगलवार को सुनवाई होगी.

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    लॉ फर्म 'करनजावाला एंड को' के प्रवक्ता ने बताया, 'केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने हमारे फर्म के जरिये पत्रकार के खिलाफ मानहानि का केस किया है. हमारे फर्म में कुल 100 वकील हैं. आमतौर पर वकालतनामा पर सभी वकीलों के नाम लिखे रहते हैं, जो वकील कोर्ट में पेश होता है, वही इस पर साइन करता है.' लॉ फर्म के प्रवक्ता ने आगे बताया, 'हमारी क्रिमिनल टीम में 6 मेंबर हैं और ये 6 वकील ही पटियाला कोर्ट में एमजे अकबर का केस लड़ेंगे.'


    ये वकील रखेंगे अकबर का केस
    लॉ फर्म के मुताबिक, सीनियर पार्टनर संदीप कपूर, प्रिंसिपल एसोसिएट वीर संधू, सीनियर एसोसिएट निहारिका करनजावाला, अपूर्व पांडेय, मयंक दत्ता और एसोसिएट गुड़िपति जी. कश्यप पटियाला कोर्ट में विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर का केस रखेंगे.

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    रविवार को एमजे अकबर ने दी थी सफाई
    बता दें कि इससे पहले नाइजीरिया से लौटने के बाद विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने रविवार को सफाई भी दी थी. उन्होंने कहा था कि सभी आरोप आम चुनाव से पहले ही क्यों उठे हैं. अकबर ने कहा था कि इसमें विपक्ष का कोई एजेंडा हो सकता है.

    पहले क्यों नहीं लिया मेरा नाम?: अकबर
    अकबर ने कहा, 'प्रिया रमानी ने यह कैंपेन एक साल पहले शुरू किया था. उन्होंने यह कैंपेन एक मैग्जीन में आर्टिकल देकर शुरू किया था. उस वक्त मेरा नाम क्यों नहीं दिया? ऐसा इसलिए क्योंकि वह जानती थी कि यह एक झूठी कहानी है.' अकबर ने कहा, 'झूठ के कोई पांव नहीं होते पर उसमें जहर होता है और इसे किसी भी तरह अपने मतलब के अनुसार घुमाया जा सकता है.'

    Tags: Me Too, Supreme Court

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