नई दिल्ली. आज यानी 18 जनवरी को बुर्ज खलीफा (Burj Khallifa) से दोगुना आकार वाला एक एस्टेरॉयड (Asteroid) यानी उल्कापिंड धरती (Earth) के बहुत पास से गुजरेगा. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने इसे संभावित रूप से खतरनाक बताया है. यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से 12.30 लाख मील की दूरी से गुजरेगा. इस संख्या से आपको बहुत ज्यादा दूरी का अंदाजा लग सकता है लेकिन खगोलविज्ञान में इस दूरी को बहुत कम माना जाता है. क्योंकि एस्टेरॉयड की गति प्रति सेकेंड 20-25 किलोमीटर से भी ज्यादा होती है जिसका मतलब है कि अगर इसकी गति और कक्षा में थोड़ा भी बदलाव आया तो यह पृथ्वी पर भारी तबाही मचा सकता है.
1.6 किलोमीटर आकार का है एस्टेरॉयड
रिपोर्ट के मुताबिक इस स्टेरॉड का नाम 7482 है जिसे 1994 पीसीआई (1994 PC1) के नाम से जाना जाता है. इसकी चौड़ाई 1.6 किलोमीटर है. यानी यह बुर्ज खलीफा से दोगुना ज्यादा चौड़ा है. इसकी तीव्रता और पृथ्वी से सापेक्ष निकटता के कारण नासा ने इसे संभावित खतरे की सूची में रखा है. अगर स्टेरॉयड का आकार 140 मीटर से ज्यादा होता है तो नासा इसे संभावित खतरे की सूची में रखता है. इसके साथ ही अगर एस्टेरॉयड सूर्य के चारों ओर अपने अक्ष से पृथ्वी की कक्षा के 46 लाख मील के दायरे में आ जाता है तो भी इसे संभावित खतरा माना जाता है. इसे अर्थ नियर ऑब्जेक्ट भी माना जाता है.
क्या यह धरती को नुकसान पहुंचाएगा
नासा के मुताबिक अगर इतने बड़े आकार का एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराता है तो धरती पर बहुत बड़ी तबाही का कारण बन सकता है. इसलिए इस तरह के एस्टेरॉयड को नासा संभावित खतरों की सूची में रखता है लेकिन नासा का कहना है कि 1994 पीसीआई सुरक्षित तरीके से पृथ्वी से 12 लाख मील दूरी से गुजर जाएगा. इससे धरती को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. नासा के वैज्ञानिक काफी लंबे समय से इस ऐस्टरॉइड को स्टडी कर रहे थे. कौन क्षुद्रग्रह कितना घातक है, वैज्ञानिक इनकी जानकारी जुटाते हैं. हालांकि एस्टेरॉयड का पृथ्वी के पास से गुजरना एक सामान्य घटना है लेकिन जब कोई बड़ा एस्टेरॉयड धरती के पास से गुजरता है, तो यह चिंता का कारण बन जाता है.
क्या होता है एस्टेरॉयड
एस्टेरॉयड को उल्कापिंड या क्षुद्रग्रह कहा जाता है. ग्रह बनने के समय उसमें से चट्टान के छोटे-छोटे टुकड़े निकलकर बाहर हो गए और ये टुकड़ें सूर्य के चारों ओर चक्कर काटने लगे. कभी-कभी यह राह बदलकर अपनी कक्षा से बाहर आ जाते हैं. आमतौर पर छोटे एस्टेरॉयड ग्रहों की कक्षा में आते ही जलकर राख हो जाते हैं लेकिन बड़े एस्टेरॉयड कभी-कभी ग्रहों से टकरा भी जाते हैं. पृथ्वी से भी कई बार एस्टेरॉयड टकराया है. नासा पृथ्वी के आसपास 140 मीटर या इससे बड़े एस्टेरॉयड को ट्रैक कर लेता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |