नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (AAP) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि शहर की अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार से मंजूरी मिलने के बावजूद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने वाले कश्मीरी प्रवासी शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का बार-बार विरोध किया है. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही शिक्षकों के एसोसिएशन ने प्रवासी शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का श्रेय लेने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना की और कहा कि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सरकार के पास कोई विकल्प नहीं बचा था.
दिल्ली विधानसभा परिसर में संवाददाता सम्मेलन में आप विधायक आतिशि और सौरभ भारद्वाज ने शिक्षक एसोसिएशन के दावे को झुठलाते हुए उसे ‘झूठा और भ्रमक’ बताया तथा भाजपा पर इसे लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया. ‘सरकारी स्कूल शिक्षक एसोसिएशन (प्रवासी)’ के समन्वयक दीलिप भान द्वारा सोमवार को जारी बयान से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है और भाजपा जमकर आप पर निशाना साध रही है.
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आतिशि ने कहा, “आप सरकार के गठन के बाद ये कश्मीरी शिक्षक केजरीवाल के पास आए और (उपमुख्यमंत्री) मनीष सिसोदिया से भी मिले. केजरीवाल सरकार ने तय किया कि उनकी सेवाएं नियमित की जानी चाहिए. कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.” उन्होंने दावा किया, लेकिन उपराज्यपाल बैजल ने 235 शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का विरोध किया.
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संवाददाता सम्मेलन में कुछ दस्तावेज दिखाते हुए आतिशि ने दावा किया, “भाजपा के उपराज्यपाल (बैजल) फाइल पर यह नोट लिखते हैं कि यह सेवा से जुड़ा मामला है और इसमें हस्तक्षेप करना दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है और इस संबंध में सभी फैसले उपराज्यपाल द्वारा लिए जाएंगे.”
उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला अकेले उपराज्यपाल का नहीं था, बल्कि उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से भी इस पर चर्चा की थी.
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